मितानिनों ने उठाए भाजपा के वादों पर सवाल, विधायक मंडावी ने सीएम को लिखा पत्र
मितानिनों ने उठाए भाजपा के वादों पर सवाल, विधायक मंडावी ने सीएम को लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बीजापुर, 27 अगस्त। मितानिन संघ की लंबित मांगों और भाजपा सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को लेकर असंतोष चरम पर है। बुधवार को मितानिन संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीजापुर विधायक एवं कांग्रेस नेता विक्रम मंडावी को ज्ञापन सौंपते हुए समर्थन मांगा।
मितानिन संघ ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि भाजपा ने 2023 के अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि मितानिन कार्यक्रम से जुड़े मितानिन, प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटरों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम के अंतर्गत संविलियन किया जाएगा। लेकिन इसके उलट सरकार ने इस कार्य को एक नई दिल्ली स्थित एनजीओ को सौंप दिया है।
मितानिन संघ ने बताया कि 13 दिसंबर 2024 से शुरू हुई उनकी हड़ताल पर सरकार ने विचार का आश्वासन दिया था, लेकिन 13 माह बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इसके अलावा वेतन और क्षतिपूर्ति का भुगतान 3-4 माह के अंतराल में होने से उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मितानिनों की तीन प्रमुख मांगो में
1 मितानिनों और संबंधित पदों का एनएचएम में संविलियन, 2 वेतन और क्षतिपूर्ति में 50 फीसदी की वृद्धि और 3 एनजीओ के माध्यम से संचालन की ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग शामिल है। इन मांगों को लेकर मितानिन संघ ने 7 अगस्त 2025 से ग्राम तूता, नवा रायपुर में अनिश्चितकालीन कामबंद-कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है।
इस बीच विधायक विक्रम मंडावी ने मितानिन संघ के समर्थन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा कि मितानिन कर्मचारी विषम परिस्थितियों में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। उनकी हड़ताल से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। विधायक ने सीएम से अपील की कि मितानिनों की जायज मांगों को शीघ्र स्वीकारते हुए उन्हें एनएचएम के अंतर्गत संविलियन किया जाए, जिससे वे पुन: स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे सकें।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बीजापुर, 27 अगस्त। मितानिन संघ की लंबित मांगों और भाजपा सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को लेकर असंतोष चरम पर है। बुधवार को मितानिन संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीजापुर विधायक एवं कांग्रेस नेता विक्रम मंडावी को ज्ञापन सौंपते हुए समर्थन मांगा।
मितानिन संघ ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि भाजपा ने 2023 के अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि मितानिन कार्यक्रम से जुड़े मितानिन, प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटरों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम के अंतर्गत संविलियन किया जाएगा। लेकिन इसके उलट सरकार ने इस कार्य को एक नई दिल्ली स्थित एनजीओ को सौंप दिया है।
मितानिन संघ ने बताया कि 13 दिसंबर 2024 से शुरू हुई उनकी हड़ताल पर सरकार ने विचार का आश्वासन दिया था, लेकिन 13 माह बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इसके अलावा वेतन और क्षतिपूर्ति का भुगतान 3-4 माह के अंतराल में होने से उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मितानिनों की तीन प्रमुख मांगो में
1 मितानिनों और संबंधित पदों का एनएचएम में संविलियन, 2 वेतन और क्षतिपूर्ति में 50 फीसदी की वृद्धि और 3 एनजीओ के माध्यम से संचालन की ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग शामिल है। इन मांगों को लेकर मितानिन संघ ने 7 अगस्त 2025 से ग्राम तूता, नवा रायपुर में अनिश्चितकालीन कामबंद-कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है।
इस बीच विधायक विक्रम मंडावी ने मितानिन संघ के समर्थन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा कि मितानिन कर्मचारी विषम परिस्थितियों में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। उनकी हड़ताल से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। विधायक ने सीएम से अपील की कि मितानिनों की जायज मांगों को शीघ्र स्वीकारते हुए उन्हें एनएचएम के अंतर्गत संविलियन किया जाए, जिससे वे पुन: स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे सकें।