तबादला होने के बावजूद कई पंचायत सचिव सरकारी आदेशों को दिखा रहे ठेंगा

अनियमितता के लग चुके हैं कई आरोप छत्तीसगढ़ संवाददाता प्रतापपुर, 28 सितंबर। जनपद पंचायत प्रतापपुर में कई पंचायत सचिव तबादला होने के बावजूद जमे हैं, जो जिला पंचायत सीईओ के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हैं। 23 जुलाई 2024 को बड़ी संख्या में पंचायत सचिवों का तबादला किया गया था, लेकिन कई सचिवअपने पुराने पंचायत को छोड़ नहीं रहे और उसी पंचायत में ही काम कर रहे हैं। बिना काम के रुपये का आहरण सूत्रों के अनुसार, घाट के नीचे के कई पंचायतों में सरपंच सचिवों ने महत्वपूर्ण विकास कार्यों जैसे तटबंध, सीसी रोड, पुल और पुलिया के लिए बिना कोई कार्य किए ही रुपये का आहरण कर लिया है। और एक ही कार्य में दोनों कामों का राशि आहरण कर लिया गया है, यह न केवल वित्तीय हेराफेरी को दर्शाता है, बल्कि ग्राम पंचायतों के विकास में भी बाधा डाल रहा है। ऐसे कार्यों की अनुपस्थिति में, ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना कठिन हो गया है। स्थानीय निवासियों के अनुसार पंचायत सचिव फर्जी बिल और वाउचर बनाकर लाखों रुपये की हेराफेरी में लिप्त हैं। यह स्थिति पंचायतों की वित्तीय व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रही है, जिसके कारण विकास कार्यों में देरी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सचिवों की इस अनियमितता के चलते आवश्यक सेवाएँ और परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। जिसमें एसडीओ इंजीनियर सहित उच्च अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों ने इस अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि सचिवों के इस व्यवहार के कारण विकास कार्य ठप हो गए हैं, और यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अनियमितता में लिप्त सचिवों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उन सभी सचिवों को नई जगहों पर पदस्थ किया जाए, जिनका तबादला हो चुका है। जिला पंचायत सीईओ सूरजपुर कमलेश नंदिनी साहू ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आदेश का पालन न करने वाले सचिवों का वेतन रोकने की अनुशंसा की जाएगी। जिन सचिवों ने आदेश का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अनियमितता के लग चुके हैं कई आरोप छत्तीसगढ़ संवाददाता प्रतापपुर, 28 सितंबर। जनपद पंचायत प्रतापपुर में कई पंचायत सचिव तबादला होने के बावजूद जमे हैं, जो जिला पंचायत सीईओ के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हैं। 23 जुलाई 2024 को बड़ी संख्या में पंचायत सचिवों का तबादला किया गया था, लेकिन कई सचिवअपने पुराने पंचायत को छोड़ नहीं रहे और उसी पंचायत में ही काम कर रहे हैं। बिना काम के रुपये का आहरण सूत्रों के अनुसार, घाट के नीचे के कई पंचायतों में सरपंच सचिवों ने महत्वपूर्ण विकास कार्यों जैसे तटबंध, सीसी रोड, पुल और पुलिया के लिए बिना कोई कार्य किए ही रुपये का आहरण कर लिया है। और एक ही कार्य में दोनों कामों का राशि आहरण कर लिया गया है, यह न केवल वित्तीय हेराफेरी को दर्शाता है, बल्कि ग्राम पंचायतों के विकास में भी बाधा डाल रहा है। ऐसे कार्यों की अनुपस्थिति में, ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना कठिन हो गया है। स्थानीय निवासियों के अनुसार पंचायत सचिव फर्जी बिल और वाउचर बनाकर लाखों रुपये की हेराफेरी में लिप्त हैं। यह स्थिति पंचायतों की वित्तीय व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रही है, जिसके कारण विकास कार्यों में देरी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सचिवों की इस अनियमितता के चलते आवश्यक सेवाएँ और परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। जिसमें एसडीओ इंजीनियर सहित उच्च अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों ने इस अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि सचिवों के इस व्यवहार के कारण विकास कार्य ठप हो गए हैं, और यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अनियमितता में लिप्त सचिवों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उन सभी सचिवों को नई जगहों पर पदस्थ किया जाए, जिनका तबादला हो चुका है। जिला पंचायत सीईओ सूरजपुर कमलेश नंदिनी साहू ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आदेश का पालन न करने वाले सचिवों का वेतन रोकने की अनुशंसा की जाएगी। जिन सचिवों ने आदेश का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।