बड़वानी में सौंफ किसानों पर दोहरी मार:नमी का हवाला देकर व्यापारी कम कर रहे भाव; लागत भी नहीं निकल रही

बड़वानी की कृषि मंडी में इन दिनों सौंफ की आवक बढ़ने के साथ ही किसानों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। व्यापारी नमी और काली सौंफ का हवाला देकर 70 से 225 रुपए प्रति किलो तक का भाव दे रहे हैं, जो किसानों की लागत से भी कम है। इसके चलते कई किसान अपनी सौंफ की उपज बेचने से बच रहे हैं। नहीं निकाल रही लागत धार जिले के टांडा गांव के किसान राहुल ने बताया कि सौंफ की फसल तैयार करने में 7-8 महीने का समय लगता है। एक पैकेट की खेती में करीब 20 हजार रुपए की लागत आती है, जिसमें 5-6 मजदूरों का खर्च भी शामिल है। लेकिन मंडी में मिल रहे कम दाम से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। दूर-दराज से आने वाले किसानों की स्थिति और भी खराब है। गाड़ी भाड़े के खर्च को देखते हुए वे कम दाम पर भी अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। मंडी में किसानों के ठहरने की उचित व्यवस्था न होने से उन्हें खुले में रात बिताने को मजबूर होना पड़ता है। व्यापारी बोले- गुणवत्ता के अनुसार दाम व्यापारियों का कहना है कि सौंफ की गुणवत्ता के अनुसार दाम दिए जा रहे हैं। लेकिन किसानों का आरोप है कि नमी का बहाना बनाकर भाव कम किए जा रहे हैं। मौसम साफ होने के बाद आवक बढ़ी है, लेकिन भाव गिरने से किसानों को अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

बड़वानी में सौंफ किसानों पर दोहरी मार:नमी का हवाला देकर व्यापारी कम कर रहे भाव; लागत भी नहीं निकल रही
बड़वानी की कृषि मंडी में इन दिनों सौंफ की आवक बढ़ने के साथ ही किसानों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। व्यापारी नमी और काली सौंफ का हवाला देकर 70 से 225 रुपए प्रति किलो तक का भाव दे रहे हैं, जो किसानों की लागत से भी कम है। इसके चलते कई किसान अपनी सौंफ की उपज बेचने से बच रहे हैं। नहीं निकाल रही लागत धार जिले के टांडा गांव के किसान राहुल ने बताया कि सौंफ की फसल तैयार करने में 7-8 महीने का समय लगता है। एक पैकेट की खेती में करीब 20 हजार रुपए की लागत आती है, जिसमें 5-6 मजदूरों का खर्च भी शामिल है। लेकिन मंडी में मिल रहे कम दाम से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। दूर-दराज से आने वाले किसानों की स्थिति और भी खराब है। गाड़ी भाड़े के खर्च को देखते हुए वे कम दाम पर भी अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। मंडी में किसानों के ठहरने की उचित व्यवस्था न होने से उन्हें खुले में रात बिताने को मजबूर होना पड़ता है। व्यापारी बोले- गुणवत्ता के अनुसार दाम व्यापारियों का कहना है कि सौंफ की गुणवत्ता के अनुसार दाम दिए जा रहे हैं। लेकिन किसानों का आरोप है कि नमी का बहाना बनाकर भाव कम किए जा रहे हैं। मौसम साफ होने के बाद आवक बढ़ी है, लेकिन भाव गिरने से किसानों को अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।