11 माह में 34 HIV पॉजिटिव, एक की मौत:2017 से 2024 तक एड्स के 182 मरीज मिले, 19 की मौत हो चुकी
11 माह में 34 HIV पॉजिटिव, एक की मौत:2017 से 2024 तक एड्स के 182 मरीज मिले, 19 की मौत हो चुकी
शाजापुर जिले में भी एचआईवी एड्स का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यहां 2017 से 2024 तक यानी 7 साल में एड्स के 182 मरीज मिले हैं। इनमें से 19 की मौत हो चुकी है। हालांकि जिले में 2004 से एड्स मरीजों की जांच की जा रही है, लेकिन अधिकारी 2004 से 2017 तक आंकड़े उपलब्ध नहीं करा पाए। 7 साल में एड्स पीड़ितों की संख्या में तो कमी नहीं आई, लेकिन मृत्यु दर घटी है। बीते साल एड्स के 2 मरीजों की मौत हुई थी, जबकि इस साल केवल 1 मरीज की मौत हुई। जिले में ऐसे मरीज भी हैं, जिन्होंने जिले में जांच नहीं कराई और गुपचुप तरीके से इलाज करा रहे हैं। बता दें कि हर साल 1 दिसंबर काे अंतरराष्ट्रीय एड्स दिवस मनाया जाता है। एड्स की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए लाखों रुपए बाद खर्च किए जाते हैं। 2019 के बाद 2024 में ज्यादा मरीज 2019 में 32 मरीज मिले थे। इसके बाद 2024 में जनवरी से नवंबर तक 11 महीने में जिले में 34 मरीज सामने आए हैं। ज्यादातर मरीजों की उम्र 20 से 50 वर्ष है। जिले में जो 182 एड्स पीड़ित मिले हैं, उनमें से 90 प्रतिशत की उम्र 50 साल से कम है, यानी करीब 150 मरीज ऐसे हैं, जिनकी उम्र 20 से 50 वर्ष तक है। इन्हें एंटी रेट्रो वायरस थैरेपी का डोज दिया जा रहा है। अस्पताल में मुफ्त जांच व काउंसलिंग स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. केपी सिंह के मुताबिक, जिला अस्पताल में लोगों को एड्स से बचने के उपाय व जागरूकता संबंधी मार्गदर्शन निःशुल्क दिया जाता है। यहां विशेषज्ञों से मार्गदर्शन के साथ मुफ्त जांच की सुविधा भी उपलब्ध है। 2004 में इस केंद्र की शुरुआत हुई। 2009 में एआरटी दवाओं का वितरण शुरू किया गया।
शाजापुर जिले में भी एचआईवी एड्स का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यहां 2017 से 2024 तक यानी 7 साल में एड्स के 182 मरीज मिले हैं। इनमें से 19 की मौत हो चुकी है। हालांकि जिले में 2004 से एड्स मरीजों की जांच की जा रही है, लेकिन अधिकारी 2004 से 2017 तक आंकड़े उपलब्ध नहीं करा पाए। 7 साल में एड्स पीड़ितों की संख्या में तो कमी नहीं आई, लेकिन मृत्यु दर घटी है। बीते साल एड्स के 2 मरीजों की मौत हुई थी, जबकि इस साल केवल 1 मरीज की मौत हुई। जिले में ऐसे मरीज भी हैं, जिन्होंने जिले में जांच नहीं कराई और गुपचुप तरीके से इलाज करा रहे हैं। बता दें कि हर साल 1 दिसंबर काे अंतरराष्ट्रीय एड्स दिवस मनाया जाता है। एड्स की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए लाखों रुपए बाद खर्च किए जाते हैं। 2019 के बाद 2024 में ज्यादा मरीज 2019 में 32 मरीज मिले थे। इसके बाद 2024 में जनवरी से नवंबर तक 11 महीने में जिले में 34 मरीज सामने आए हैं। ज्यादातर मरीजों की उम्र 20 से 50 वर्ष है। जिले में जो 182 एड्स पीड़ित मिले हैं, उनमें से 90 प्रतिशत की उम्र 50 साल से कम है, यानी करीब 150 मरीज ऐसे हैं, जिनकी उम्र 20 से 50 वर्ष तक है। इन्हें एंटी रेट्रो वायरस थैरेपी का डोज दिया जा रहा है। अस्पताल में मुफ्त जांच व काउंसलिंग स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. केपी सिंह के मुताबिक, जिला अस्पताल में लोगों को एड्स से बचने के उपाय व जागरूकता संबंधी मार्गदर्शन निःशुल्क दिया जाता है। यहां विशेषज्ञों से मार्गदर्शन के साथ मुफ्त जांच की सुविधा भी उपलब्ध है। 2004 में इस केंद्र की शुरुआत हुई। 2009 में एआरटी दवाओं का वितरण शुरू किया गया।