खंडवा संसदीय क्षेत्र के 3 नेता बने भाजपा जिलाध्यक्ष:दो के बीच महज 24 किमी का फासला; तोमर के चुनाव अधिकारी भी अध्यक्ष बन गए

भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बीच एक ही संसदीय क्षेत्र में 3 नेताओं का जिलाध्यक्ष बनने का अनूठा संयोग बना है। अब तक खंडवा संसदीय क्षेत्र में दो नेता ही जिलाध्यक्ष बनते आए हैं। लेकिन इस बार संसदीय क्षेत्र की महिला नेत्री को भी उनके जिले में अध्यक्ष की कमान मिली है। एक दिन पहले गुरुवार रात को खरगोन जिलाध्यक्ष की घोषणा की गई। भाजपा ने भीकनगांव से विधानसभा प्रत्याशी रही नंदा ब्राह्मणे को जिलाध्यक्ष बनाया। खरगोन जिले की भीकनगांव विधानसभा भी खंडवा संसदीय क्षेत्र का ही हिस्सा है। एक रोचक बात यह भी है कि खंडवा के भाजपा जिलाध्यक्ष राजपालसिंह तोमर देशगांव के रहने वाले हैं। खरगोन की जिलाध्यक्ष नंदा ब्राह्मणे के भीकनगांव और देशगांव में महज 24 किलोमीटर का फासला है। तोमर के चुनाव अधिकारी भी जिलाध्यक्ष बन गए खंडवा संसदीय क्षेत्र में एक पूर्ण और बाकी 3 जिलों का कुछ हिस्सा शामिल है। बुरहानपुर जिले की संपूर्ण सीमा, खंडवा जिले की तीन विधानसभा, खरगोन की दो विधानसभा और देवास जिले की एक विधानसभा सीट शामिल हैं। खरगोन, बुरहानपुर और खंडवा के जिलाध्यक्ष का एक लोकसभा क्षेत्र से संबंध है। वहीं देवास में भाजपा जिलाध्यक्ष बने रायसिंह सेंधव खंडवा में चुनाव अधिकारी थे। उन्होंने ही खंडवा जिलाध्यक्ष राजपालसिंह तोमर और अन्य मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की है। सांसद की गृह जिले, मुख्यालय पर नहीं चली, खरगोन में मौका खंडवा और बुरहानपुर में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में सामने आया कि सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की पसंद को प्रदेश संगठन ने तवज्जों नहीं दी। उनके गृह जिले में विधायक अर्चना चिटनिस की पसंद से डॉ. मनोज माने को जिलाध्यक्ष बनाया गया। खंडवा मुख्यालय पर भी उनकी पंसद के नेता को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया। इसकी भरपाई उन्होंने खरगोन जिले से कर ली। नंदा ब्राह्मणे बतौर सांसद प्रतिनिधि रह चुकी हैं।

खंडवा संसदीय क्षेत्र के 3 नेता बने भाजपा जिलाध्यक्ष:दो के बीच महज 24 किमी का फासला; तोमर के चुनाव अधिकारी भी अध्यक्ष बन गए
भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बीच एक ही संसदीय क्षेत्र में 3 नेताओं का जिलाध्यक्ष बनने का अनूठा संयोग बना है। अब तक खंडवा संसदीय क्षेत्र में दो नेता ही जिलाध्यक्ष बनते आए हैं। लेकिन इस बार संसदीय क्षेत्र की महिला नेत्री को भी उनके जिले में अध्यक्ष की कमान मिली है। एक दिन पहले गुरुवार रात को खरगोन जिलाध्यक्ष की घोषणा की गई। भाजपा ने भीकनगांव से विधानसभा प्रत्याशी रही नंदा ब्राह्मणे को जिलाध्यक्ष बनाया। खरगोन जिले की भीकनगांव विधानसभा भी खंडवा संसदीय क्षेत्र का ही हिस्सा है। एक रोचक बात यह भी है कि खंडवा के भाजपा जिलाध्यक्ष राजपालसिंह तोमर देशगांव के रहने वाले हैं। खरगोन की जिलाध्यक्ष नंदा ब्राह्मणे के भीकनगांव और देशगांव में महज 24 किलोमीटर का फासला है। तोमर के चुनाव अधिकारी भी जिलाध्यक्ष बन गए खंडवा संसदीय क्षेत्र में एक पूर्ण और बाकी 3 जिलों का कुछ हिस्सा शामिल है। बुरहानपुर जिले की संपूर्ण सीमा, खंडवा जिले की तीन विधानसभा, खरगोन की दो विधानसभा और देवास जिले की एक विधानसभा सीट शामिल हैं। खरगोन, बुरहानपुर और खंडवा के जिलाध्यक्ष का एक लोकसभा क्षेत्र से संबंध है। वहीं देवास में भाजपा जिलाध्यक्ष बने रायसिंह सेंधव खंडवा में चुनाव अधिकारी थे। उन्होंने ही खंडवा जिलाध्यक्ष राजपालसिंह तोमर और अन्य मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की है। सांसद की गृह जिले, मुख्यालय पर नहीं चली, खरगोन में मौका खंडवा और बुरहानपुर में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में सामने आया कि सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की पसंद को प्रदेश संगठन ने तवज्जों नहीं दी। उनके गृह जिले में विधायक अर्चना चिटनिस की पसंद से डॉ. मनोज माने को जिलाध्यक्ष बनाया गया। खंडवा मुख्यालय पर भी उनकी पंसद के नेता को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया। इसकी भरपाई उन्होंने खरगोन जिले से कर ली। नंदा ब्राह्मणे बतौर सांसद प्रतिनिधि रह चुकी हैं।