ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव के पहले हुआ आदेश:कारपोरेट आफिस की तर्ज पर फैसिलिटेशन सेंटर खोलें कलेक्टर, जिला स्तरीय समिति का करें गठन

ग्वालियर में तीसरी रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव होने के पहले औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग ने हर जिले में फैसिलिटेशन सेंटर खोलने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। जिलों में निवेशकों को निवेश का सुपर माहौल बताने के लिए खोले जाने वाले इन सेंटर्स को कारपोरेट आफिस की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा और यहां आने वाले निवेशकों की खातिरदारी भी नोडल अधिकारी द्वारा की जाएगी। साथ ही विभाग ने कहा है कि हर महीने जिला स्तरीय निवेश संवर्धन समिति की बैठक करना होगी जिसकी रिपोर्ट भी हर महीने सरकार को भेजना जरूरी होगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा हर जिले में फैसिलिटेशन सेंटर खोलने का फैसला लेने के बाद अब जिलों में कलेक्टरों को इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं। औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग ने हर जिले में यह सेंटर खोलने और डिप्टी कलेक्टर या उससे सीनियर रैंक का राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में पदस्थ करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा जिला स्तरीय निवेश संवर्धन समिति के गठन और उसमें शामिल होने वाले अफसरों के साथ समिति और नोडल अधिकारियों के दायित्व भी तय कर दिए गए हैं। जिला स्तर पर निवेश को सुगम बनाने और निवेशकों को सही मार्गदर्शन देने तथा निवेश परियोजनाओं को क्रियान्वित कर स्थापित कराने के लिए जिला स्तर पर दी जाने वाली परमिशन, लाइसेंस और अन्य कार्यवाही को सेंट्रलाइज्ड किए जाने की व्यवस्था तय की गई है। डिप्टी कलेक्टर या उससे सीनियर अफसर बनेगा नोडल अधिकारी हर कलेक्टर कार्यालय में आसानी से आ जा सकने वाले स्थान पर इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किया जाए। फैसिलिटेशन सेंटर वेल मेंटेन और आधुनिक होना चाहिए जहां इन्वेस्टर्स के सम्मान के साथ बैठने की व्यवस्था रहे। यहां कम्युनिकेशन के नए संसाधन भी उपलब्ध रखे जाएं। कलेक्टर इसके लिए जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर या उससे सीनियर अफसर के फैसिलिटेशन सेंटर का नोडल अधिकारी बनाएंगे। नोडल अधिकारी की यह होगी जिम्मेदारी ये अधिकारी रहेंगे जिला स्तरीय निवेश संवर्धन समिति में यह होगा निवेश संवर्धन समिति का काम

ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव के पहले हुआ आदेश:कारपोरेट आफिस की तर्ज पर फैसिलिटेशन सेंटर खोलें कलेक्टर, जिला स्तरीय समिति का करें गठन
ग्वालियर में तीसरी रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव होने के पहले औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग ने हर जिले में फैसिलिटेशन सेंटर खोलने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। जिलों में निवेशकों को निवेश का सुपर माहौल बताने के लिए खोले जाने वाले इन सेंटर्स को कारपोरेट आफिस की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा और यहां आने वाले निवेशकों की खातिरदारी भी नोडल अधिकारी द्वारा की जाएगी। साथ ही विभाग ने कहा है कि हर महीने जिला स्तरीय निवेश संवर्धन समिति की बैठक करना होगी जिसकी रिपोर्ट भी हर महीने सरकार को भेजना जरूरी होगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा हर जिले में फैसिलिटेशन सेंटर खोलने का फैसला लेने के बाद अब जिलों में कलेक्टरों को इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं। औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग ने हर जिले में यह सेंटर खोलने और डिप्टी कलेक्टर या उससे सीनियर रैंक का राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में पदस्थ करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा जिला स्तरीय निवेश संवर्धन समिति के गठन और उसमें शामिल होने वाले अफसरों के साथ समिति और नोडल अधिकारियों के दायित्व भी तय कर दिए गए हैं। जिला स्तर पर निवेश को सुगम बनाने और निवेशकों को सही मार्गदर्शन देने तथा निवेश परियोजनाओं को क्रियान्वित कर स्थापित कराने के लिए जिला स्तर पर दी जाने वाली परमिशन, लाइसेंस और अन्य कार्यवाही को सेंट्रलाइज्ड किए जाने की व्यवस्था तय की गई है। डिप्टी कलेक्टर या उससे सीनियर अफसर बनेगा नोडल अधिकारी हर कलेक्टर कार्यालय में आसानी से आ जा सकने वाले स्थान पर इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किया जाए। फैसिलिटेशन सेंटर वेल मेंटेन और आधुनिक होना चाहिए जहां इन्वेस्टर्स के सम्मान के साथ बैठने की व्यवस्था रहे। यहां कम्युनिकेशन के नए संसाधन भी उपलब्ध रखे जाएं। कलेक्टर इसके लिए जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर या उससे सीनियर अफसर के फैसिलिटेशन सेंटर का नोडल अधिकारी बनाएंगे। नोडल अधिकारी की यह होगी जिम्मेदारी ये अधिकारी रहेंगे जिला स्तरीय निवेश संवर्धन समिति में यह होगा निवेश संवर्धन समिति का काम