नई सरकार, महंगाई और आईआईपी के आंकड़ों का दिखेगा बाजार पर असर

नई दिल्ली, 9 जून । लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के कारण भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछले सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी ने करीब दो हजार अंकों के दायरे में कारोबार किया कोरोना काल में मई 2020 के बाद सबसे अधिक है। रविवार को नई सरकार का गठन हो रहा है। माना जा रहा है कि पूर्ण बहुमत की एनडीए की सरकार बनने से बाजार में स्थिरता देखने को मिल सकती है। इसके अलावा कई ऐसे फैक्टर्स हैं जो बाजार को अगले सप्ताह प्रभावित करेंगे। खुदरा महंगाई दर (सीपीआई और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े 12 जून को जारी हो सकते हैं। मार्च और अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर क्रमश: 4.85 प्रतिशत और 4.83 प्रतिशत रही थी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मई में यह दर 4.8 प्रतिशत रह सकती है। आईआईपी की दर अप्रैल में 3.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद की जा रही है, जो कि मार्च में 4.9 प्रतिशत थी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों की समीक्षा को लेकर 11 और 12 जून को होने वाली बैठक काफी अहम रहेगी। इसके फैसले का ऐलान 13 जून को किया जाएगा। माना जा रहा है कि फेड ब्याज दरों को 5.25 से लेकर 5.50 प्रतिशत पर बरकरार रख सकता है। सितंबर या फिर दिसंबर में ब्याज दरों में पहली कटौती देखने को मिल सकती है। जापान, ब्रिटेन और चीन की अर्थव्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़े भी अगले सप्ताह आ सकते हैं। स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौर का कहना है कि निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों में ही 200 दिन के मूविंग एवरेज से तेजी देखने को मिली है। निफ्टी 23,338 अंक के अपने ऑल टाइम हाई के करीब है, जो एक रुकावट का भी स्तर है। अगर यह इससे नीचे गिरता है तो 23,000 अंक से लेकर 22,800 अंक तक जा सकता है। 22,600 अंक फिलहाल के लिए एक मजबूत सपोर्ट है। बैंक निफ्टी के लिए 50,000 अंक एक बेहद महत्वपूर्ण स्तर है। अगर यह इसे तोड़ता है तो 51,300 अंक और फिर 52,000 अंक को छू सकता है। इसके लिए 48,700 अंक से लेकर 48,350 अंक और फिर 47,400 अंक एक मजबूत सपोर्ट लेवल है। --(आईएएनएस)

नई सरकार, महंगाई और आईआईपी के आंकड़ों का दिखेगा बाजार पर असर
नई दिल्ली, 9 जून । लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के कारण भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछले सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी ने करीब दो हजार अंकों के दायरे में कारोबार किया कोरोना काल में मई 2020 के बाद सबसे अधिक है। रविवार को नई सरकार का गठन हो रहा है। माना जा रहा है कि पूर्ण बहुमत की एनडीए की सरकार बनने से बाजार में स्थिरता देखने को मिल सकती है। इसके अलावा कई ऐसे फैक्टर्स हैं जो बाजार को अगले सप्ताह प्रभावित करेंगे। खुदरा महंगाई दर (सीपीआई और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े 12 जून को जारी हो सकते हैं। मार्च और अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर क्रमश: 4.85 प्रतिशत और 4.83 प्रतिशत रही थी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मई में यह दर 4.8 प्रतिशत रह सकती है। आईआईपी की दर अप्रैल में 3.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद की जा रही है, जो कि मार्च में 4.9 प्रतिशत थी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों की समीक्षा को लेकर 11 और 12 जून को होने वाली बैठक काफी अहम रहेगी। इसके फैसले का ऐलान 13 जून को किया जाएगा। माना जा रहा है कि फेड ब्याज दरों को 5.25 से लेकर 5.50 प्रतिशत पर बरकरार रख सकता है। सितंबर या फिर दिसंबर में ब्याज दरों में पहली कटौती देखने को मिल सकती है। जापान, ब्रिटेन और चीन की अर्थव्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़े भी अगले सप्ताह आ सकते हैं। स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौर का कहना है कि निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों में ही 200 दिन के मूविंग एवरेज से तेजी देखने को मिली है। निफ्टी 23,338 अंक के अपने ऑल टाइम हाई के करीब है, जो एक रुकावट का भी स्तर है। अगर यह इससे नीचे गिरता है तो 23,000 अंक से लेकर 22,800 अंक तक जा सकता है। 22,600 अंक फिलहाल के लिए एक मजबूत सपोर्ट है। बैंक निफ्टी के लिए 50,000 अंक एक बेहद महत्वपूर्ण स्तर है। अगर यह इसे तोड़ता है तो 51,300 अंक और फिर 52,000 अंक को छू सकता है। इसके लिए 48,700 अंक से लेकर 48,350 अंक और फिर 47,400 अंक एक मजबूत सपोर्ट लेवल है। --(आईएएनएस)