बैतूल के कौस्तुभ बने यंग वॉटर डिप्लोमैट:जल प्रबंधन में अध्ययन करने का मिलेगा मौका, भारत से केवल 2 का चयन हुआ
बैतूल के कौस्तुभ बने यंग वॉटर डिप्लोमैट:जल प्रबंधन में अध्ययन करने का मिलेगा मौका, भारत से केवल 2 का चयन हुआ
बैतूल के छात्र कौस्तुभ परिहार का चयन विश्व प्रसिद्ध यंग वॉटर डिप्लोमैट प्रोग्राम के लिए हुआ है। ये कार्यक्रम नीदरलैंड्स स्थित आईएचई डेल्फ्ट इंस्टीट्यूट फॉर वॉटर एजुकेशन करवाता है। इसमें विश्वभर से केवल 18 प्रतिभागियों का चयन हुआ है, जिनमें से भारत से केवल दो प्रतिनिधि हैं। कौस्तुभ परिहार उन दो भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें इस कार्यक्रम के लिए फूल स्कॉलरशिप दी गई है। बता दें कि कौस्तुभ परिहार बैतूल निवासी प्रमोद परिहार के बेटे है। वो मुंबई स्थित नीदरलैंड्स के काउंसलेट जनरल के आर्थिक विभाग में सीनियर एडवाइजर-इकोनॉमिक डिप्लोमैट के रूप में कार्यरत हैं। छह वर्षों सेभारत सरकार के साथ जुड़े हैं कौस्तुभ- अंशुल शर्मा
कौस्तुभ परिहार के करीबी मित्र अंशुल शर्मा ने बताया कि कौस्तुभ ने इससे पहले भारत सरकार के साथ छह वर्षों से ज्यादा काम किया है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, सस्टेनेबल सिटीज प्रोजेक्ट और स्वास्थ्य व स्वच्छता परियोजनाओं जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में योगदान दिया है। वे दिल्ली स्थित शहरी विकास मंत्रालय के थिंक टैंक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के साथ भी जुड़े रहे हैं। जल प्रबंधन में अध्ययन करने का मौका मिलेगा
यंग वॉटर डिप्लोमैट प्रोग्राम एक छह महीने का कोर्स है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए समाधान विकसित करना है। इस कार्यक्रम के तहत कौस्तुभ जून 2025 में नीदरलैंड्स की यात्रा करेंगे। वहां उन्हें विश्वस्तरीय विशेषज्ञों के साथ काम करने और जल प्रबंधन में गहन अध्ययन करने का मौका मिलेगा। आईएचई डेल्फ्ट यूनेस्को श्रेणी 2 संस्थान है, टिकाऊ जल प्रबंधन समाधान विकसित करने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ये संस्थान "वॉटर नॉलेज सिटी" डेल्फ्ट में स्थित है और यूनेस्को के तत्वावधान में संचालित होता है। जून 2025 में खत्म होगा कार्यक्रम
अपनी इस उपलब्धि पर कौस्तुभ परिहार ने कहा, ये मेरे लिए एक अनूठा अवसर है, जिससे मैं वैश्विक जल और जलवायु कूटनीति में योगदान कर सकूंगा। विश्वभर से सर्वोत्तम तकनीकों और विचारों को सीख सकूंगा। उन्होंने आगे कहा कि ये कार्यक्रम जून 2025 में खत्म होगा, जिसके बाद प्रतिभागी अपने क्षेत्रों में जल प्रबंधन के प्रभावी समाधान लागू करने के लिए महत्वपूर्ण अनुभव और ज्ञान के साथ लौटेंगे।
बैतूल के छात्र कौस्तुभ परिहार का चयन विश्व प्रसिद्ध यंग वॉटर डिप्लोमैट प्रोग्राम के लिए हुआ है। ये कार्यक्रम नीदरलैंड्स स्थित आईएचई डेल्फ्ट इंस्टीट्यूट फॉर वॉटर एजुकेशन करवाता है। इसमें विश्वभर से केवल 18 प्रतिभागियों का चयन हुआ है, जिनमें से भारत से केवल दो प्रतिनिधि हैं। कौस्तुभ परिहार उन दो भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें इस कार्यक्रम के लिए फूल स्कॉलरशिप दी गई है। बता दें कि कौस्तुभ परिहार बैतूल निवासी प्रमोद परिहार के बेटे है। वो मुंबई स्थित नीदरलैंड्स के काउंसलेट जनरल के आर्थिक विभाग में सीनियर एडवाइजर-इकोनॉमिक डिप्लोमैट के रूप में कार्यरत हैं। छह वर्षों सेभारत सरकार के साथ जुड़े हैं कौस्तुभ- अंशुल शर्मा
कौस्तुभ परिहार के करीबी मित्र अंशुल शर्मा ने बताया कि कौस्तुभ ने इससे पहले भारत सरकार के साथ छह वर्षों से ज्यादा काम किया है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, सस्टेनेबल सिटीज प्रोजेक्ट और स्वास्थ्य व स्वच्छता परियोजनाओं जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में योगदान दिया है। वे दिल्ली स्थित शहरी विकास मंत्रालय के थिंक टैंक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के साथ भी जुड़े रहे हैं। जल प्रबंधन में अध्ययन करने का मौका मिलेगा
यंग वॉटर डिप्लोमैट प्रोग्राम एक छह महीने का कोर्स है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए समाधान विकसित करना है। इस कार्यक्रम के तहत कौस्तुभ जून 2025 में नीदरलैंड्स की यात्रा करेंगे। वहां उन्हें विश्वस्तरीय विशेषज्ञों के साथ काम करने और जल प्रबंधन में गहन अध्ययन करने का मौका मिलेगा। आईएचई डेल्फ्ट यूनेस्को श्रेणी 2 संस्थान है, टिकाऊ जल प्रबंधन समाधान विकसित करने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ये संस्थान "वॉटर नॉलेज सिटी" डेल्फ्ट में स्थित है और यूनेस्को के तत्वावधान में संचालित होता है। जून 2025 में खत्म होगा कार्यक्रम
अपनी इस उपलब्धि पर कौस्तुभ परिहार ने कहा, ये मेरे लिए एक अनूठा अवसर है, जिससे मैं वैश्विक जल और जलवायु कूटनीति में योगदान कर सकूंगा। विश्वभर से सर्वोत्तम तकनीकों और विचारों को सीख सकूंगा। उन्होंने आगे कहा कि ये कार्यक्रम जून 2025 में खत्म होगा, जिसके बाद प्रतिभागी अपने क्षेत्रों में जल प्रबंधन के प्रभावी समाधान लागू करने के लिए महत्वपूर्ण अनुभव और ज्ञान के साथ लौटेंगे।