बेमेतरा में एक सप्ताह में करंट से 4 की मौत, बारिश में खतरा बढ़ा
बेमेतरा में एक सप्ताह में करंट से 4 की मौत, बारिश में खतरा बढ़ा
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बेमेतरा, 28 जून। जिले में बिजली करंट की चपेट में आने से मौत व घायल होने की घटनाएं बारिश के मौसम के साथ ही बढ़ गई है। जिले में बीते 21 से लेकर 27 जून तक अलग-अलग क्षेत्रों में करंट लगने से चार की मौत हुई है। चारों की मौत बिजली संबंधित हादसों में तीन प्रकरणों में खेत जाने से हुई है। हादसों को देखते हुए विभाग ने सावधानी बरतने की बात कही है।
जानकारी हो कि आम दिनों की अपेक्षा बारिश व नमी के समय करंट लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। बिजली संबधित घटनाओं से बचने के लिए जानकार सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।
जानकार बताते हैं कि बारिश के समय बारिश के दिनों में बिजली से करंट लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि बारिश का पानी बिजली का सुचालक होता है, जिससे बिजली के तारों या उपकरणों से करंट का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बारिश के कारण नमी भी बढ़ जाती है, जिससे बिजली के उपकरणों और तारों में करंट का खतरा और बढ़ जाता है। बारिश का पानी, विशेष रूप से वर्षा जल में घुले हुए लवणों के कारण बिजली का अच्छा सुचालक बन जाता है। इंजीनियर सतीष पांडे बताते हैं कि बारिश में हादसे का खतरा का एक बार अर्थिंग की कमी भी है। कई घरों में अर्थिंग की कमी या कमजोर अर्थिंग के कारण भी करंट लगने का खतरा बढ़ जाता है। समय रहते इस पर ध्यान देने की जरूरत रहती है। बेमेतरा जेई गुलाब साहू ने बताया कि बिजली विभाग द्वारा लोगों को समझाया जाता है। अगर दुर्घटना हो रही है तो विभाग अपने पोल कनेक्शन की सप्लाई की चपेट में आने वालों को मुुअवाजा देता है। घरेलू कनेक्शन की चपेट में आने वालों को पात्र नहीं माना जाता।
किसान के खेत में तीन महीने से तीन खंभे गिरे
थानखम्हरिया के समीपस्थ ग्राम पेंडरी कला के एक किसान के खेत में तीन खंभे तीन माह से गिरे हुए हैं। शिकायत के बाद भी विभाग द्वारा अनदेखी की गई। किसान फसल बुआई करने के लिए खंभे को खेत से हटाने व गड़ाने के लिए ऑफिस का चक्कर लगा लगाकर थक गए लेकिन अधिकारी किसान की बातों पर ध्यान नहीं दे रहे। खंभे गड़ाने के लिए और गड्ढे खोद दिए, जिसमें बरसात का पानी भर गया, जिससे और घटना घटित हो सकती है, जिससे साफ दिखाई देता है कि बिजली विभाग आंख बंद कर मौन बैठा है। आखिर किसान की फसल खराब का जिम्मेदार कौन है और उनकी उदासीनता को प्रदर्शित करती है।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बेमेतरा, 28 जून। जिले में बिजली करंट की चपेट में आने से मौत व घायल होने की घटनाएं बारिश के मौसम के साथ ही बढ़ गई है। जिले में बीते 21 से लेकर 27 जून तक अलग-अलग क्षेत्रों में करंट लगने से चार की मौत हुई है। चारों की मौत बिजली संबंधित हादसों में तीन प्रकरणों में खेत जाने से हुई है। हादसों को देखते हुए विभाग ने सावधानी बरतने की बात कही है।
जानकारी हो कि आम दिनों की अपेक्षा बारिश व नमी के समय करंट लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। बिजली संबधित घटनाओं से बचने के लिए जानकार सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।
जानकार बताते हैं कि बारिश के समय बारिश के दिनों में बिजली से करंट लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि बारिश का पानी बिजली का सुचालक होता है, जिससे बिजली के तारों या उपकरणों से करंट का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बारिश के कारण नमी भी बढ़ जाती है, जिससे बिजली के उपकरणों और तारों में करंट का खतरा और बढ़ जाता है। बारिश का पानी, विशेष रूप से वर्षा जल में घुले हुए लवणों के कारण बिजली का अच्छा सुचालक बन जाता है। इंजीनियर सतीष पांडे बताते हैं कि बारिश में हादसे का खतरा का एक बार अर्थिंग की कमी भी है। कई घरों में अर्थिंग की कमी या कमजोर अर्थिंग के कारण भी करंट लगने का खतरा बढ़ जाता है। समय रहते इस पर ध्यान देने की जरूरत रहती है। बेमेतरा जेई गुलाब साहू ने बताया कि बिजली विभाग द्वारा लोगों को समझाया जाता है। अगर दुर्घटना हो रही है तो विभाग अपने पोल कनेक्शन की सप्लाई की चपेट में आने वालों को मुुअवाजा देता है। घरेलू कनेक्शन की चपेट में आने वालों को पात्र नहीं माना जाता।
किसान के खेत में तीन महीने से तीन खंभे गिरे
थानखम्हरिया के समीपस्थ ग्राम पेंडरी कला के एक किसान के खेत में तीन खंभे तीन माह से गिरे हुए हैं। शिकायत के बाद भी विभाग द्वारा अनदेखी की गई। किसान फसल बुआई करने के लिए खंभे को खेत से हटाने व गड़ाने के लिए ऑफिस का चक्कर लगा लगाकर थक गए लेकिन अधिकारी किसान की बातों पर ध्यान नहीं दे रहे। खंभे गड़ाने के लिए और गड्ढे खोद दिए, जिसमें बरसात का पानी भर गया, जिससे और घटना घटित हो सकती है, जिससे साफ दिखाई देता है कि बिजली विभाग आंख बंद कर मौन बैठा है। आखिर किसान की फसल खराब का जिम्मेदार कौन है और उनकी उदासीनता को प्रदर्शित करती है।