बालाघाट में पंचायत मंत्री के आदेश का विरोध:सचिवों ने गोपनीय प्रतिवेदन बनाने पर जताई नाराजगी; बोले- कार्यों में नहीं रहेगी पारदर्शिता

बालाघाट पंचायत सचिवों ने बुधवार को पंचायत मंत्री के एक आदेश को लेकर विरोध दर्ज किया। जिले के पंचायत सचिवों ने बुधवार की दोपहर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिसमें पंचायत मंत्री के आदेश को वापस लिए जाने की मांग की। दरअसल, पंचायत मंत्री के उस आदेश के बाद, सचिव नाराज है, जिसमें कहा गया है कि पंचायत सचिवों की प्रतिवर्ष बनने वाला गोपनीय प्रतिवेदन में पंचायत सरपंच के हस्ताक्षर होंगे। जिसका पंचायत सचिव विरोध कर रहे हैं। सचिव संगठन जिलाध्यक्ष जितेन्द्र चित्रिव ने कहा कि यदि पंचायत सरपंच, सचिवों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन में हस्ताक्षर करेंगे तो कार्यो में पारदर्शिता नहीं रहेगी और सचिवों पर नियम विरुद्ध काम करने का दबाव, सरपंच बनाएंगे। उन्होंने पूर्ववत प्रशासनिक अधिकारी की हस्ताक्षर से गोपनीय प्रतिवेदन की प्रक्रिया को यथावत रखने की मांग करते हुए कहा कि यदि हम सरपंचों के गलत कार्यों का सहयोग नहीं करेंगे तो गोपनीय प्रतिवेदन बनाने के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिसे देखते हुए पंचायत मंत्री अपना निर्णय वापस ले। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह आदेश वापस नहीं लिया जाता है, तो प्रदेश संगठन के निर्देश पर आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सचिवों के साथ रोजगार सहायक के भी प्रतिवेदन तैयार होना है, जिसके विरोध में सचिव और रोजगार सहायक है।

बालाघाट में पंचायत मंत्री के आदेश का विरोध:सचिवों ने गोपनीय प्रतिवेदन बनाने पर जताई नाराजगी; बोले- कार्यों में नहीं रहेगी पारदर्शिता
बालाघाट पंचायत सचिवों ने बुधवार को पंचायत मंत्री के एक आदेश को लेकर विरोध दर्ज किया। जिले के पंचायत सचिवों ने बुधवार की दोपहर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिसमें पंचायत मंत्री के आदेश को वापस लिए जाने की मांग की। दरअसल, पंचायत मंत्री के उस आदेश के बाद, सचिव नाराज है, जिसमें कहा गया है कि पंचायत सचिवों की प्रतिवर्ष बनने वाला गोपनीय प्रतिवेदन में पंचायत सरपंच के हस्ताक्षर होंगे। जिसका पंचायत सचिव विरोध कर रहे हैं। सचिव संगठन जिलाध्यक्ष जितेन्द्र चित्रिव ने कहा कि यदि पंचायत सरपंच, सचिवों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन में हस्ताक्षर करेंगे तो कार्यो में पारदर्शिता नहीं रहेगी और सचिवों पर नियम विरुद्ध काम करने का दबाव, सरपंच बनाएंगे। उन्होंने पूर्ववत प्रशासनिक अधिकारी की हस्ताक्षर से गोपनीय प्रतिवेदन की प्रक्रिया को यथावत रखने की मांग करते हुए कहा कि यदि हम सरपंचों के गलत कार्यों का सहयोग नहीं करेंगे तो गोपनीय प्रतिवेदन बनाने के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिसे देखते हुए पंचायत मंत्री अपना निर्णय वापस ले। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह आदेश वापस नहीं लिया जाता है, तो प्रदेश संगठन के निर्देश पर आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सचिवों के साथ रोजगार सहायक के भी प्रतिवेदन तैयार होना है, जिसके विरोध में सचिव और रोजगार सहायक है।