भोपाल की करोंद मंडी में मुहूर्त के सौदे:किसानों का अनाज ऊंचे भाव में खरीदा; जमकर हुई आतिशबाजी

भोपाल की करोंद अनाज मंडी में सोमवार को मुहूर्त के सौदे हुए। व्यापारियों ने किसानों का अनाज ऊंची बोली लगाकर खरीदा। तौल कांटों की पूजा के बाद जमकर आतिशबाजी भी की गई। सुबह 9 बजे से व्यापारियों ने पूजा शुरू कर दी, जो दोपहर 12 बजे तक चली। इसके बाद मुहूर्त के सौदे हुए। जिसमें किसानों के अनाज की बोली लगाकर ज्यादा भाव में खरीदा गया। भोपाल ग्रेन मर्चेंट एंड ऑयल सीड्स एसोसिएशन के प्रवक्ता संजीव जैन ने बताया, धनतेरस ( बुधवार) से मंडी में कारोबार बंद हो गया था। 3 नवंबर, रविवार तक मंडी बंद रही। वहीं, सोमवार सुबह 9 बजे से मुहूर्त के सौदे हुए। फिर दीवाली मिलन समारोह है। पूजा के बाद आतिशबाजी की मंडी के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर जाकर पहले तौल कांटों की पूजा की, फिर आतिशबाजी। इसके बाद फड़ पर किसानों से अनाज खरीदा गया। सबसे पहले खरीदी जाने वाली उपज के अच्छे मिलते हैं दाम दिवाली के मौके पर व्यापारी अपना कारोबार बंद रखते हैं और भाई-दूज या इसके बाद मुहूर्त के सौदे करते हैं। सबसे पहले जिस किसान की उपज खरीदी जाती है, उसकी व्यापारी ज्यादा बोली लगाते हैं। इससे किसान को अच्छे दाम मिलते हैं। यही कारण है कि मुहूर्त के सौदे में अपना अनाज बेचने के लिए बड़ी संख्या में किसान एक-दो दिन पहले से ही मंडी में पहुंच जाते हैं। इस बार भी कई किसान पहले से मंडी में पहुंच गए थे।

भोपाल की करोंद मंडी में मुहूर्त के सौदे:किसानों का अनाज ऊंचे भाव में खरीदा; जमकर हुई आतिशबाजी
भोपाल की करोंद अनाज मंडी में सोमवार को मुहूर्त के सौदे हुए। व्यापारियों ने किसानों का अनाज ऊंची बोली लगाकर खरीदा। तौल कांटों की पूजा के बाद जमकर आतिशबाजी भी की गई। सुबह 9 बजे से व्यापारियों ने पूजा शुरू कर दी, जो दोपहर 12 बजे तक चली। इसके बाद मुहूर्त के सौदे हुए। जिसमें किसानों के अनाज की बोली लगाकर ज्यादा भाव में खरीदा गया। भोपाल ग्रेन मर्चेंट एंड ऑयल सीड्स एसोसिएशन के प्रवक्ता संजीव जैन ने बताया, धनतेरस ( बुधवार) से मंडी में कारोबार बंद हो गया था। 3 नवंबर, रविवार तक मंडी बंद रही। वहीं, सोमवार सुबह 9 बजे से मुहूर्त के सौदे हुए। फिर दीवाली मिलन समारोह है। पूजा के बाद आतिशबाजी की मंडी के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर जाकर पहले तौल कांटों की पूजा की, फिर आतिशबाजी। इसके बाद फड़ पर किसानों से अनाज खरीदा गया। सबसे पहले खरीदी जाने वाली उपज के अच्छे मिलते हैं दाम दिवाली के मौके पर व्यापारी अपना कारोबार बंद रखते हैं और भाई-दूज या इसके बाद मुहूर्त के सौदे करते हैं। सबसे पहले जिस किसान की उपज खरीदी जाती है, उसकी व्यापारी ज्यादा बोली लगाते हैं। इससे किसान को अच्छे दाम मिलते हैं। यही कारण है कि मुहूर्त के सौदे में अपना अनाज बेचने के लिए बड़ी संख्या में किसान एक-दो दिन पहले से ही मंडी में पहुंच जाते हैं। इस बार भी कई किसान पहले से मंडी में पहुंच गए थे।