युवा मिडफील्डर मनीषा ने कहा, भारतीय हॉकी टीम को रिप्रेजेंट करना बेहद खास

नई दिल्ली, 13 जून । उत्तराखंड की मनीषा चौहान ने 25 साल की उम्र में सीनियर महिला हॉकी टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू करने का अपना सपना पूरा किया। इस स्टार मिडफील्डर ने एफआईएच प्रो लीग 2023/24 के यूरोप चरण के दौरान अर्जेंटीना के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था। अपने करियर के इस सबसे स्पेशल मोमेंट को याद कर मनीषा ने कहा, ये हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपने देश के लिए खेले। जब से मैंने हॉकी थामी तब से मैंने देश के लिए खेलने का सपना देखना शुरू कर दिया। जब मैं भारतीय जर्सी पहनकर मैदान पर उतरी, तो यह मेरे लिए बेहद खास क्षण था। कोचिंग और सहयोगी स्टाफ ने मुझ पर भरोसा जताया और अब यह मेरा फर्ज कि मैं उन्हें सही साबित करूं। मनीषा ने कहा, हरेंद्र सर ने मुझे खुद पर भरोसा करने और अपना नेचुरल गेम खेलने के लिए कहा। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि मुझे किन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है और मैं अपने गेम को कैसे बेहतर बना सकती हूं। टीम के हर सदस्य ने मेरा समर्थन किया, मेरी मदद की और मुझे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। मनीषा की हॉकी में रुचि तब शुरू हुई जब वह 5वीं कक्षा में थी। अपने सफर को याद करते हुए उन्होंने कहा, मुझे हमेशा से ही हॉकी में रुचि थी। मैं फुटबॉल और हैंडबॉल बहुत खेलती थी। मेरे पास लॉन्ग जंप और शॉटपुट में राज्य स्तर के पदक भी हैं। मुझे याद है कि स्कूल के कोच मैदान में आए और हमसे पूछा कि क्या कोई हॉकी खेलना चाहता है। मैंने खेल में रुचि दिखाई और फिर उन्होंने मुझे शाम को प्रशिक्षण के लिए आने के लिए कहा। तब से, मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब भी जीता। 2016 में मनीषा जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उत्तराखंड टीम की कप्तान थी। टूर्नामेंट में कुछ शानदार प्रदर्शन के साथ, उन्हें भारतीय जूनियर महिला शिविर के लिए बुलाए जाने पर सफलता मिली। 25 वर्षीय मनीषा ने इस सफर को याद करते हुए कहा, जब मुझे भारतीय जूनियर महिला टीम के शिविर के लिए चुने जाने की खबर मिली तो मैं बहुत खुश थी। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक अद्भुत क्षण था। मेरे कोच जिन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया है और मेरे शुरुआती दिनों से मेरा निरंतर समर्थन किया है, इस खबर से बहुत खुश थे। जब मैं बेंगलुरु पहुंची, तो मैं अन्य खिलाड़ियों को देखकर घबरा गई, जो विभिन्न राज्यों से शिविर में शामिल हुए थे। यह कुछ ऐसा था जिसका मैंने केवल सपना देखा था। अधिकांश खिलाड़ी मुझसे अधिक अनुभवी थे। मैं रांची में आयोजित जूनियर नेशनल में खेलकर आ रही थी। लेकिन मुझे एहसास हो गया कि अगर मुझे अपना नाम बनाना है तो मुझे अपने खेल पर बहुत काम करना होगा और अपने कौशल को निखारना होगा। अपनी प्रतिभा और समर्पण के बावजूद, वह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दौरों के लिए अपनी जगह सुरक्षित नहीं कर पाई और अंततः 2018 में शिविर से बाहर हो गई। निराश न होते हुए, इस युवा खिलाड़ी ने कई घरेलू टूर्नामेंटों में अपने कौशल को निखारना जारी रखा। इन वर्षों के दौरान सीनियर महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने का उनका सपना कभी नहीं डगमगाया। दो साल बाद 2018 में मनीषा ने नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, दिल्ली के लिए ट्रायल दिया और उसका चयन हो गया। मनीषा ने अपना सारा समय और ध्यान प्रशिक्षण और अपने खेल को बेहतर बनाने में लगाया। 2023 में 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान, मनीषा ने मणिपुर हॉकी का प्रतिनिधित्व किया और उसका प्रदर्शन शानदार रहा। उसने अपने कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए तीन गोल किए और अपने पहले गेम में प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार भी जीता। इस शानदार प्रदर्शन के कारण उसका चयन सीनियर महिला शिविर के लिए हुआ। मनीषा ने 2020 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और फर्स्ट खेलो इंडिया में भी हिस्सा लिया है। उन्होंने 2021 में पहली हॉकी इंडिया सीनियर महिला अंतर-विभागीय राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर का पुरस्कार भी जीता है। अब, 2026 महिला एफआईएच हॉकी विश्व कप पर अपनी नजरें टिकाए हुए, मनीषा का लक्ष्य न केवल टीम का हिस्सा बनना है, बल्कि प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीतना और देश का मान बढ़ाना भी है। -(आईएएनएस)

युवा मिडफील्डर मनीषा ने कहा, भारतीय हॉकी टीम को रिप्रेजेंट करना बेहद खास
नई दिल्ली, 13 जून । उत्तराखंड की मनीषा चौहान ने 25 साल की उम्र में सीनियर महिला हॉकी टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू करने का अपना सपना पूरा किया। इस स्टार मिडफील्डर ने एफआईएच प्रो लीग 2023/24 के यूरोप चरण के दौरान अर्जेंटीना के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था। अपने करियर के इस सबसे स्पेशल मोमेंट को याद कर मनीषा ने कहा, ये हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपने देश के लिए खेले। जब से मैंने हॉकी थामी तब से मैंने देश के लिए खेलने का सपना देखना शुरू कर दिया। जब मैं भारतीय जर्सी पहनकर मैदान पर उतरी, तो यह मेरे लिए बेहद खास क्षण था। कोचिंग और सहयोगी स्टाफ ने मुझ पर भरोसा जताया और अब यह मेरा फर्ज कि मैं उन्हें सही साबित करूं। मनीषा ने कहा, हरेंद्र सर ने मुझे खुद पर भरोसा करने और अपना नेचुरल गेम खेलने के लिए कहा। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि मुझे किन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है और मैं अपने गेम को कैसे बेहतर बना सकती हूं। टीम के हर सदस्य ने मेरा समर्थन किया, मेरी मदद की और मुझे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। मनीषा की हॉकी में रुचि तब शुरू हुई जब वह 5वीं कक्षा में थी। अपने सफर को याद करते हुए उन्होंने कहा, मुझे हमेशा से ही हॉकी में रुचि थी। मैं फुटबॉल और हैंडबॉल बहुत खेलती थी। मेरे पास लॉन्ग जंप और शॉटपुट में राज्य स्तर के पदक भी हैं। मुझे याद है कि स्कूल के कोच मैदान में आए और हमसे पूछा कि क्या कोई हॉकी खेलना चाहता है। मैंने खेल में रुचि दिखाई और फिर उन्होंने मुझे शाम को प्रशिक्षण के लिए आने के लिए कहा। तब से, मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब भी जीता। 2016 में मनीषा जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उत्तराखंड टीम की कप्तान थी। टूर्नामेंट में कुछ शानदार प्रदर्शन के साथ, उन्हें भारतीय जूनियर महिला शिविर के लिए बुलाए जाने पर सफलता मिली। 25 वर्षीय मनीषा ने इस सफर को याद करते हुए कहा, जब मुझे भारतीय जूनियर महिला टीम के शिविर के लिए चुने जाने की खबर मिली तो मैं बहुत खुश थी। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक अद्भुत क्षण था। मेरे कोच जिन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया है और मेरे शुरुआती दिनों से मेरा निरंतर समर्थन किया है, इस खबर से बहुत खुश थे। जब मैं बेंगलुरु पहुंची, तो मैं अन्य खिलाड़ियों को देखकर घबरा गई, जो विभिन्न राज्यों से शिविर में शामिल हुए थे। यह कुछ ऐसा था जिसका मैंने केवल सपना देखा था। अधिकांश खिलाड़ी मुझसे अधिक अनुभवी थे। मैं रांची में आयोजित जूनियर नेशनल में खेलकर आ रही थी। लेकिन मुझे एहसास हो गया कि अगर मुझे अपना नाम बनाना है तो मुझे अपने खेल पर बहुत काम करना होगा और अपने कौशल को निखारना होगा। अपनी प्रतिभा और समर्पण के बावजूद, वह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दौरों के लिए अपनी जगह सुरक्षित नहीं कर पाई और अंततः 2018 में शिविर से बाहर हो गई। निराश न होते हुए, इस युवा खिलाड़ी ने कई घरेलू टूर्नामेंटों में अपने कौशल को निखारना जारी रखा। इन वर्षों के दौरान सीनियर महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने का उनका सपना कभी नहीं डगमगाया। दो साल बाद 2018 में मनीषा ने नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, दिल्ली के लिए ट्रायल दिया और उसका चयन हो गया। मनीषा ने अपना सारा समय और ध्यान प्रशिक्षण और अपने खेल को बेहतर बनाने में लगाया। 2023 में 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान, मनीषा ने मणिपुर हॉकी का प्रतिनिधित्व किया और उसका प्रदर्शन शानदार रहा। उसने अपने कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए तीन गोल किए और अपने पहले गेम में प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार भी जीता। इस शानदार प्रदर्शन के कारण उसका चयन सीनियर महिला शिविर के लिए हुआ। मनीषा ने 2020 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और फर्स्ट खेलो इंडिया में भी हिस्सा लिया है। उन्होंने 2021 में पहली हॉकी इंडिया सीनियर महिला अंतर-विभागीय राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर का पुरस्कार भी जीता है। अब, 2026 महिला एफआईएच हॉकी विश्व कप पर अपनी नजरें टिकाए हुए, मनीषा का लक्ष्य न केवल टीम का हिस्सा बनना है, बल्कि प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीतना और देश का मान बढ़ाना भी है। -(आईएएनएस)