रातभर हुई बारिश, मौसम में घुली ठंडक:अबतक हुई कुल 786.9 एमएम बारिश, तिघरा अब 3 फीट खाली

ग्वालियर में सोमवार रात से रिमझिम बारिश से मंगलवार सुबह मौसम ठंडा बना हुआ है। सुबह-सुबह भी हल्की बूंदाबांदी हुई थी। उसके बाद से मौसम सुहाना है। सोमवार शाम से मंगलवार सुबह 7 बजे तक 23.4 एमएम बारिश दर्ज की गई है। ग्वालियर में इस मानसूनी सीजन में अब तक कुल बारिश 786.9 मिली मीटर हुई है, जो औसत आंकड़े से काफी आगे निकल चुकी है। अच्छी बारिश और ककैटो-पेहसारी से लगातार पानी आने से ग्वालियर की लाइफ लाइन तिघरा जलाशय में भी 736.80 फीट लेवल हो चुका है। लगभग 292 दिन तिघरा शहर की प्यास बुझा सकता है। अभी भी तिघरा 3 फीट खाली है। शहर में अभी एक दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है। अब शहर के लोग रोज पानी सप्लाई की मांग करने लगे हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल पर इस समय मानसून मेहरबान हैं। ग्वालियर में लगातार चार दिन से पानी गिर रहा है। ऐसा लगता है कि जैसे मौसम ने एक रूटीन सा बना लिया है। सुबह दिन की शुरुआत धूप व बादल से होती है। दोपहर तब यह बादल गहराते जाते हैं और शाम होते ही रिमझिम शुरू हो जाती है, जो रात होते-होते झमाझम बारिश में बदल जाती है। सोमवार को जन्माष्टमी के मौके पर ही यही हुआ। शाम को बूंदाबांदी के बाद रात को झमाझम बारिश हुई है। जिस कारण मंगलवार सुबह मौसम सुहाना बना हुआ है। मौसम में आगे क्या? मौसम विभाग की माने तो मध्यभारत के कई हिस्सों में अभी बादल सक्रिय हैं। बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव है। जिस कारण मानसून ट्रफ लाइन प्रदेश के उत्तरी हिस्से से गुजरने के कारण ग्वालियर-चंबल अंचल में अभी बारिश हो रही है। मंगलवार को भी ग्वालियर में दोपहर बाद हल्की बारिश की संभावना बनीं हुई है। तीन सितम्बर से बंगाल की खाड़ी में फिर एक नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर शुरु हो सकता है। ऐसे समझें सप्लाई सिस्टम ननि को जल संसाधन विभाग रोज 8 एमसीएफटी पानी दे रहा है। इससे एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई किया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना हैं कि वर्तमान जल स्तर से 292 दिन का पानी है। यदि रोज देते हैं, तो छह महीने का पानी है। सेवानिवृत्त पीएचई के इंजीनियर सतीश श्रीवास्तव का कहना है की वर्तमान में पानी को व्यर्थ बहने की बजाय रोज सप्लाई दी जा सकती है। क्योंकि फरवरी में जब जल स्तर 728 फीट के आसपास था उसे वक्त रोज वॉटर सप्लाई हो रही थी। तिघरा में 736.80 फीट पानी ग्वालियर की लाइफ लाइन तिघरा डेम में पानी आने का सिलसिला जारी है। अब उसका जल स्तर 736.70 पहुंच गया है। तिघरा डेम की झमता कुल 740 फीट है, लेकिन 739 होते ही इसके गेट सुरक्षा के चलते खोलना शुरू कर दिए जाते है। अभी तीन फीट खाली है तिघरा।

रातभर हुई बारिश, मौसम में घुली ठंडक:अबतक हुई कुल 786.9 एमएम बारिश, तिघरा अब 3 फीट खाली
ग्वालियर में सोमवार रात से रिमझिम बारिश से मंगलवार सुबह मौसम ठंडा बना हुआ है। सुबह-सुबह भी हल्की बूंदाबांदी हुई थी। उसके बाद से मौसम सुहाना है। सोमवार शाम से मंगलवार सुबह 7 बजे तक 23.4 एमएम बारिश दर्ज की गई है। ग्वालियर में इस मानसूनी सीजन में अब तक कुल बारिश 786.9 मिली मीटर हुई है, जो औसत आंकड़े से काफी आगे निकल चुकी है। अच्छी बारिश और ककैटो-पेहसारी से लगातार पानी आने से ग्वालियर की लाइफ लाइन तिघरा जलाशय में भी 736.80 फीट लेवल हो चुका है। लगभग 292 दिन तिघरा शहर की प्यास बुझा सकता है। अभी भी तिघरा 3 फीट खाली है। शहर में अभी एक दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है। अब शहर के लोग रोज पानी सप्लाई की मांग करने लगे हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल पर इस समय मानसून मेहरबान हैं। ग्वालियर में लगातार चार दिन से पानी गिर रहा है। ऐसा लगता है कि जैसे मौसम ने एक रूटीन सा बना लिया है। सुबह दिन की शुरुआत धूप व बादल से होती है। दोपहर तब यह बादल गहराते जाते हैं और शाम होते ही रिमझिम शुरू हो जाती है, जो रात होते-होते झमाझम बारिश में बदल जाती है। सोमवार को जन्माष्टमी के मौके पर ही यही हुआ। शाम को बूंदाबांदी के बाद रात को झमाझम बारिश हुई है। जिस कारण मंगलवार सुबह मौसम सुहाना बना हुआ है। मौसम में आगे क्या? मौसम विभाग की माने तो मध्यभारत के कई हिस्सों में अभी बादल सक्रिय हैं। बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव है। जिस कारण मानसून ट्रफ लाइन प्रदेश के उत्तरी हिस्से से गुजरने के कारण ग्वालियर-चंबल अंचल में अभी बारिश हो रही है। मंगलवार को भी ग्वालियर में दोपहर बाद हल्की बारिश की संभावना बनीं हुई है। तीन सितम्बर से बंगाल की खाड़ी में फिर एक नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर शुरु हो सकता है। ऐसे समझें सप्लाई सिस्टम ननि को जल संसाधन विभाग रोज 8 एमसीएफटी पानी दे रहा है। इससे एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई किया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना हैं कि वर्तमान जल स्तर से 292 दिन का पानी है। यदि रोज देते हैं, तो छह महीने का पानी है। सेवानिवृत्त पीएचई के इंजीनियर सतीश श्रीवास्तव का कहना है की वर्तमान में पानी को व्यर्थ बहने की बजाय रोज सप्लाई दी जा सकती है। क्योंकि फरवरी में जब जल स्तर 728 फीट के आसपास था उसे वक्त रोज वॉटर सप्लाई हो रही थी। तिघरा में 736.80 फीट पानी ग्वालियर की लाइफ लाइन तिघरा डेम में पानी आने का सिलसिला जारी है। अब उसका जल स्तर 736.70 पहुंच गया है। तिघरा डेम की झमता कुल 740 फीट है, लेकिन 739 होते ही इसके गेट सुरक्षा के चलते खोलना शुरू कर दिए जाते है। अभी तीन फीट खाली है तिघरा।