सिंगरौली में बाघिन टी-60 की टीबी से हुई थी मौत:लंबे समय से बीमार चल रही थी; पोस्टमॉर्टम में सामने आया
सिंगरौली में बाघिन टी-60 की टीबी से हुई थी मौत:लंबे समय से बीमार चल रही थी; पोस्टमॉर्टम में सामने आया
सिंगरौली जिले के माडा इलाके में संजय टाइगर रिजर्व से आई बाघिन टी-60 की मौत का कारण सामने आ गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है, कि बाघिन लंबे समय से ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) से पीड़ित थी, जिसके वजह से उसकी मौत हो गई। सीसीएफ अमित दुबे के अनुसार, बाघिन टी-60 ने 5 फरवरी 2025 को सिंगरौली जिले के वन परिक्षेत्र माडा के बीट रौदी में प्रवेश किया था। कॉलर आईडी वाली इस बाघिन की निगरानी संजय टाइगर रिजर्व सीधी की टीम और सिंगरौली वन मंडल की पांच टीमों द्वारा सैटेलाइट सिगनल और वीएचएफ के माध्यम से की जा रही थी। 10 फरवरी को बाघिन को रौदी बीट में मृत पाया गया। 11 फरवरी को NTCA के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में तीन सदस्यीय पशु चिकित्सक टीम ने शव परीक्षण किया। इस दौरान फॉरेंसिक जांच के लिए नमूने भी एकत्र किए गए, जिनसे अन्य संभावित बीमारियों की जानकारी मिल सकेगी। बाघिन का मंगलवार देर शाम अंतिम संस्कार कर किया गया।
सिंगरौली जिले के माडा इलाके में संजय टाइगर रिजर्व से आई बाघिन टी-60 की मौत का कारण सामने आ गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है, कि बाघिन लंबे समय से ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) से पीड़ित थी, जिसके वजह से उसकी मौत हो गई। सीसीएफ अमित दुबे के अनुसार, बाघिन टी-60 ने 5 फरवरी 2025 को सिंगरौली जिले के वन परिक्षेत्र माडा के बीट रौदी में प्रवेश किया था। कॉलर आईडी वाली इस बाघिन की निगरानी संजय टाइगर रिजर्व सीधी की टीम और सिंगरौली वन मंडल की पांच टीमों द्वारा सैटेलाइट सिगनल और वीएचएफ के माध्यम से की जा रही थी। 10 फरवरी को बाघिन को रौदी बीट में मृत पाया गया। 11 फरवरी को NTCA के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में तीन सदस्यीय पशु चिकित्सक टीम ने शव परीक्षण किया। इस दौरान फॉरेंसिक जांच के लिए नमूने भी एकत्र किए गए, जिनसे अन्य संभावित बीमारियों की जानकारी मिल सकेगी। बाघिन का मंगलवार देर शाम अंतिम संस्कार कर किया गया।