सिवनी में उपार्जन केंद्रों में धान का परिवहन हुआ धीमा:52 हजार 989 किसानों ने कराया है रजिस्ट्रेशन, 2.80 लाख मीट्रिक टन का है लक्ष्य
सिवनी में उपार्जन केंद्रों में धान का परिवहन हुआ धीमा:52 हजार 989 किसानों ने कराया है रजिस्ट्रेशन, 2.80 लाख मीट्रिक टन का है लक्ष्य
सिवनी जिले में धान उपार्जन केंद्रों में अब समर्थन मूल्य पर धान बेचने बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे है। उपार्जन शुरू होने के 15 दिन बाद केंद्रों में अधिक मात्रा में धान आ रहा है लेकिन यहां से उठाव और परिवहन की रफ्तार धीमी है। कलेक्टर ने उपार्जन कार्य की समीक्षा में मिलिंग और उठाव में लापरवाही पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ है। चार समूहों में शुरू नहीं हुआ उपार्जन 2 दिसंबर से जिले के 62 केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य शुरू हुआ था। इसके बाद 22 समूहों को भी उपार्जन का काम दिया गया हैं। इनमें से चार केंद्रों में अब तक उपार्जन का काम शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में इन क्षेत्रों के किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अब तक पांच समूहों को उपार्जन का काम दिया जाना शेष है। 52 हजार 989 किसानों ने कराया पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए इस साल 52 हजार 989 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। अब तक 80 केंद्रों में 4 हजार 500 किसानों से तीन लाख क्विंटल धान उपार्जित किया गया है। सभी केंद्रों में मानक स्तर का धान किसानों से लेने के निर्देश दिए गए हैं। इसे लेकर भी किसान अभी धान लेकर केंद्रों का रुख नहीं कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि धान में अभी नमी अधिक है। जब तक नमी कम नहीं होगी तब तक उसे केंद्र लाना मुश्किल है। 2.80 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य जिले में इस साल किसानों से 2.80 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक हुए तीन लाख क्विंटल धान उपार्जन धान में से दो लाख क्विंटल धान का परिवहन हो सका है। नान (नागरिक आपूर्ति निगम) के अधिकारियों का कहना है कि इस बार धान उपार्जन में कोई गड़बड़ी न हो इसको लेकर गोदाम स्तर पर खरीदी केंद्र अधिक बनाए गए हैं। बारिश की संभावना को देखते हुए समिति प्रबंधकों को धान की सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं करने के साथ किसानों की सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को अब तक नहीं मिला भुगतान नागरिक आपूर्ति निगम से मिली जानकारी के अनुसार अब तक उपार्जन केंद्र समितियों से ईपीओ नहीं मिला है। ईपीओ मिलने के बाद उपार्जित धान का भुगतान करने की कार्रवाई की जाएगी। नागरिक आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक विवेक रंगारे का कहना है कि अब तक जिले में बने 84 में से 80 केंद्रों में 45 सौ किसानों से तीन लाख क्विंटल धान खरीदा गया है। केंद्रों में किसानों की सुविधा के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। शेष समूहों को जल्द उपार्जन का काम दिया जाएगा।
सिवनी जिले में धान उपार्जन केंद्रों में अब समर्थन मूल्य पर धान बेचने बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे है। उपार्जन शुरू होने के 15 दिन बाद केंद्रों में अधिक मात्रा में धान आ रहा है लेकिन यहां से उठाव और परिवहन की रफ्तार धीमी है। कलेक्टर ने उपार्जन कार्य की समीक्षा में मिलिंग और उठाव में लापरवाही पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ है। चार समूहों में शुरू नहीं हुआ उपार्जन 2 दिसंबर से जिले के 62 केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य शुरू हुआ था। इसके बाद 22 समूहों को भी उपार्जन का काम दिया गया हैं। इनमें से चार केंद्रों में अब तक उपार्जन का काम शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में इन क्षेत्रों के किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अब तक पांच समूहों को उपार्जन का काम दिया जाना शेष है। 52 हजार 989 किसानों ने कराया पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए इस साल 52 हजार 989 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। अब तक 80 केंद्रों में 4 हजार 500 किसानों से तीन लाख क्विंटल धान उपार्जित किया गया है। सभी केंद्रों में मानक स्तर का धान किसानों से लेने के निर्देश दिए गए हैं। इसे लेकर भी किसान अभी धान लेकर केंद्रों का रुख नहीं कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि धान में अभी नमी अधिक है। जब तक नमी कम नहीं होगी तब तक उसे केंद्र लाना मुश्किल है। 2.80 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य जिले में इस साल किसानों से 2.80 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक हुए तीन लाख क्विंटल धान उपार्जन धान में से दो लाख क्विंटल धान का परिवहन हो सका है। नान (नागरिक आपूर्ति निगम) के अधिकारियों का कहना है कि इस बार धान उपार्जन में कोई गड़बड़ी न हो इसको लेकर गोदाम स्तर पर खरीदी केंद्र अधिक बनाए गए हैं। बारिश की संभावना को देखते हुए समिति प्रबंधकों को धान की सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं करने के साथ किसानों की सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को अब तक नहीं मिला भुगतान नागरिक आपूर्ति निगम से मिली जानकारी के अनुसार अब तक उपार्जन केंद्र समितियों से ईपीओ नहीं मिला है। ईपीओ मिलने के बाद उपार्जित धान का भुगतान करने की कार्रवाई की जाएगी। नागरिक आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक विवेक रंगारे का कहना है कि अब तक जिले में बने 84 में से 80 केंद्रों में 45 सौ किसानों से तीन लाख क्विंटल धान खरीदा गया है। केंद्रों में किसानों की सुविधा के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। शेष समूहों को जल्द उपार्जन का काम दिया जाएगा।