हाथी मितान वार्ता केंद्र की स्थापना, मानव-वन्य जीव संघर्ष करने की कोशिश
हाथी मितान वार्ता केंद्र की स्थापना, मानव-वन्य जीव संघर्ष करने की कोशिश
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायगढ़, 7 अगस्त। धरमजयगढ़ वनमंडल में हाथियों से जनसुरक्षा हेतु एक नई और अभिनव पहल की शुरुआत की गई है। वहीं वन विभाग द्वारा हाथी मितान वार्ता केंद्र की स्थापना कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास किया जा रहा है। यह पहल धरमजयगढ़ वनमंडलाधिकारी जितेन्द्र कुमार उपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में धरमजयगढ़ रेंज के ओंगना गांव से प्रारंभ हुई है।
इस योजना के अंतर्गत, हाथी प्रवाह क्षेत्र में स्थित 30 से 40 गांवों को चिन्हित किया गया है, जहाँ इस प्रकार के वार्ता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य है। गांववासियों को हाथियों की उपस्थिति की सटीक और त्वरित जानकारी देना, ताकि किसी भी संभावित घटना से पहले सतर्कता बरती जा सके और जनहानि को रोका जा सके।
ओंगना गांव में स्थापित प्रथम हाथी मितान वार्ता केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी वहां की संयुक्त वन समिति के अध्यक्ष जगरनाथ गुप्ता को दी गई है। उन्हें फॉरेस्ट और हाथियों के व्यवहार संबंधी गहन अनुभव है, जो इस केंद्र की सफलता में सहायक सिद्ध होगा।
वार्ता केंद्र के माध्यम से न केवल हाथियों की गतिविधियों का ट्रैक एवं नक्शा गांववालों तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि गांव के दुकानों, चौक-चौराहों पर तैनात लोगों के माध्यम से हाथी की उपस्थिति की त्वरित जानकारी दी जाएगी।
इससे ग्रामीण पहले से सजग रहकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे। वहीं कार्यक्रम के दौरान धरमजयगढ़ वनमंडलाधिकारी जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, एसडीओ बालगोविंद साहू, रेंजर, डीपीटी रेंजर, वन रक्षकगण एवं गांव के वरिष्ठ नागरिक, स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी को हाथियों के स्वभाव, व्यवहार और उनसे बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई। बच्चों ने भी इस संवाद में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायगढ़, 7 अगस्त। धरमजयगढ़ वनमंडल में हाथियों से जनसुरक्षा हेतु एक नई और अभिनव पहल की शुरुआत की गई है। वहीं वन विभाग द्वारा हाथी मितान वार्ता केंद्र की स्थापना कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास किया जा रहा है। यह पहल धरमजयगढ़ वनमंडलाधिकारी जितेन्द्र कुमार उपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में धरमजयगढ़ रेंज के ओंगना गांव से प्रारंभ हुई है।
इस योजना के अंतर्गत, हाथी प्रवाह क्षेत्र में स्थित 30 से 40 गांवों को चिन्हित किया गया है, जहाँ इस प्रकार के वार्ता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य है। गांववासियों को हाथियों की उपस्थिति की सटीक और त्वरित जानकारी देना, ताकि किसी भी संभावित घटना से पहले सतर्कता बरती जा सके और जनहानि को रोका जा सके।
ओंगना गांव में स्थापित प्रथम हाथी मितान वार्ता केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी वहां की संयुक्त वन समिति के अध्यक्ष जगरनाथ गुप्ता को दी गई है। उन्हें फॉरेस्ट और हाथियों के व्यवहार संबंधी गहन अनुभव है, जो इस केंद्र की सफलता में सहायक सिद्ध होगा।
वार्ता केंद्र के माध्यम से न केवल हाथियों की गतिविधियों का ट्रैक एवं नक्शा गांववालों तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि गांव के दुकानों, चौक-चौराहों पर तैनात लोगों के माध्यम से हाथी की उपस्थिति की त्वरित जानकारी दी जाएगी।
इससे ग्रामीण पहले से सजग रहकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे। वहीं कार्यक्रम के दौरान धरमजयगढ़ वनमंडलाधिकारी जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, एसडीओ बालगोविंद साहू, रेंजर, डीपीटी रेंजर, वन रक्षकगण एवं गांव के वरिष्ठ नागरिक, स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी को हाथियों के स्वभाव, व्यवहार और उनसे बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई। बच्चों ने भी इस संवाद में उत्साहपूर्वक भाग लिया।