अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन को स्वीकृति दिलाने जेडआरयूसीसी सदस्य ने मुखरता से रखी बात

19वीं क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की द्वितीय बैठक छत्तीसगढ़ संवाददाता अम्बिकापुर, 26 सितंबर। बुधवार को 19वीं क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की द्वितीय बैठक बिलासपुर जीएम कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने रेलवे जीएम नीनू ईटियेरा के समक्ष अंबिकापुर रेणुकूट रेल लाइन को स्वीकृति दिलाने और बजट में शामिल करने, इसके साथ ही अंबिकापुर-कोरबा रेल लाइन का नया सर्वे करा स्वीकृति दिलाने तथ्यों के आधार पर अपनी बात मुखरता के साथ रखा। रेलवे के महाप्रबंधक नीनू ईटियेरा ने कहा है कि अंबिकापुर रेणुकूट रेल मार्ग से संबंधित जो भी नए तथ्य छूट गए हैं, उन्हें रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा और सिंगल लाइन सर्वे करके जल्द ही निर्माण के लिए निर्णय लिया जाएगा। श्री तिवारी ने कहा कि प्रदेश के 3 करोड़ लोगों की इच्छाओं आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाली सर्वोच्च संस्था छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन के समर्थन में इसके जल्द क्रियान्वयन के लिए प्रस्ताव पारित किया है। इसे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा आगामी प्रोजेक्ट के रूप में सर्वोच्च प्राथमिकता क्रम में रखना चाहिए। अंबिकापुर रेणुकूट रेल लाइन का डीपीआर जमा हुए लगभग 1 वर्ष का समय व्यतीत होने वाला है किंतु इस रेल लाइन के संबंध में डबल लाइन,सिंगल लाइन,रिवाइज्ड डीपीआर से आगे बात अभी तक नहीं बढ़ पाई है। सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि प्रोजेक्ट इवैल्यूएशन कमेटी के 58 वी बैठक में एसईसीआर ने डीपीआर पर चर्चा कर जो निष्कर्ष निकाला,उन तथ्यों आंकड़ों के अनुरूप अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन को जल्द स्वीकृति देकर इसके क्रियान्वयन के लिए आगामी बजट में शामिल करने का प्रस्ताव भेजना चाहिए। अंबिकापुर-बरवाडीह से अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन हर मानको और मापदंडों में अधिक व्यवहारिक बैठक में जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि अंबिकापुर रेणुकूट की दूरी बरवाडीह से 47.68 किलोमीटर कम है। अनुमानित लागत 813 करोड़ से रेणुकूट का कम है। फाइनेंशियल इंटरनल रेट ऑफ़ रिटर्न 6.03 प्रतिशत ज्यादा और इकोनॉमिकल रेट ऑफ़ रिटर्न 15.69 प्रतिशत ज्यादा है प्रस्तावित रेणुकूट रेल लाइन का।अनुमानित ट्रैफिक बरवाडीह का 5.75 एनटीपीए है,जबकि रेणुकूट का इससे लगभग 4 गुना ज्यादा 19.50 एनटीपीए है।कुल मिलाकर रेणुकूट रेल लाइन हर मानको और मापदंडों पर अधिक व्यावहारिक और अधिक उपयोगी और कम खर्चीला है। सर्वाधिक कोल ब्लॉक रेणुकूट मार्ग में ही स्थित है,इसके अलावा बॉक्साइट ट्रांसपोर्टिंग के लिए भी उक्त मार्ग अनुकूल है।लगभग 12 हजार से अधिक यात्री इस मार्ग में रोजाना यात्रा करते हैं। उक्त सडक़ मार्ग पर 40 से 50 बस चलती है।400 से 500 ट्रक और ट्रेलर,200 पिकअप,इसके अलावा टैक्सी व निजी यात्रीयान 400 से ज्यादा प्रतिदिन उक्त मार्ग पर संचालित है। एसईसीएल और कोल इंडिया ने बरवाडीह रेल मार्ग को अलाभकारी बताया, क्लीयरेंस मिलना भी है कठिन अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाइन को लेकर एसईसीएल साइडिंग महाप्रबंधक और कोल इंडिया के महाप्रबंधक ने पूर्व में ही रेलवे को पत्र लिखकर उक्त मार्ग को अपने उद्देश्यों के लिए अलाभकारी बताया है। वहीं छत्तीसगढ़ रेल कॉरपोरेशन ने भी एसईसीएल द्वारा पर्याप्त रुचि नहीं दिखाए जाने एवं निवेश में असमर्थता जताने को लेकर छत्तीसगढ़ शासन को वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया है।प्रस्तावित बरवाडीह लाइन में भंडारिया टाइगर प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले कई गांव शामिल है, प्रस्तावित स्टेशन बिंदा रिजर्व फॉरेस्ट अंतर्गत आता है। इसके अलावा हुतार और बरवाडीह के मध्य बेतला नेशनल पार्क का भाग आता है जिसके कारण फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलना काफी कठिन है। नए प्रस्तावित मार्ग से अंबिकापुर-कोरबा रेल लाइन की दूरी हो जाएगी 110 किमी बैठक में जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि अंबिकापुर-कोरबा रेल लाइन के लिए जो पुराना सर्वे हुआ है वह विसंगति पूर्ण है,सर्वे करने वाले को भौगोलिक ज्ञान नहीं है।जनभावना एवं सरगुजा क्षेत्र के हित में प्रस्तावित मार्ग अंबिकापुर,लखनपुर,केदमा, मतरिंगा, सियांग, चिर्रा,बताती होते कोरबा उपयुक्त मार्ग है,और इसकी दूरी भी काफी कम 110 किमी हो जाएगी। पहले जो सर्व हुए हैं उसके अनुसार 220 किलोमीटर उक्त रेल लाइन के लिए दूरी हो रहा था जिससे अधिक खर्च और अलाभकारी मार्ग भी था।इस नए प्रस्तावित रेल मार्ग से अंबिकापुर के लोग अंबिकापुर कोरबा रेल लाइन से 5 घंटे में रायपुर पहुंच जाएंगे और खर्च भी काफी कम हो जाएगा। उक्त मुद्दों पर महाप्रबंधक के समक्ष अपनी बात रखते हुए मुकेश तिवारी ने कहा कि यदि अंबिकापुर-रेणुकूट और कोरबा से कनेक्टिविटी हो जाती है तो यह सरगुजा सहित आसपास सीमावर्ती झारखंड,बिहार,मध्य प्रदेश के लोगों को परिवहन सुविधा के साथ-साथ सरगुजा के विकास में उत्तरोत्तर वृद्धि का पर्याय बनेगा।

19वीं क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की द्वितीय बैठक छत्तीसगढ़ संवाददाता अम्बिकापुर, 26 सितंबर। बुधवार को 19वीं क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की द्वितीय बैठक बिलासपुर जीएम कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने रेलवे जीएम नीनू ईटियेरा के समक्ष अंबिकापुर रेणुकूट रेल लाइन को स्वीकृति दिलाने और बजट में शामिल करने, इसके साथ ही अंबिकापुर-कोरबा रेल लाइन का नया सर्वे करा स्वीकृति दिलाने तथ्यों के आधार पर अपनी बात मुखरता के साथ रखा। रेलवे के महाप्रबंधक नीनू ईटियेरा ने कहा है कि अंबिकापुर रेणुकूट रेल मार्ग से संबंधित जो भी नए तथ्य छूट गए हैं, उन्हें रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा और सिंगल लाइन सर्वे करके जल्द ही निर्माण के लिए निर्णय लिया जाएगा। श्री तिवारी ने कहा कि प्रदेश के 3 करोड़ लोगों की इच्छाओं आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाली सर्वोच्च संस्था छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन के समर्थन में इसके जल्द क्रियान्वयन के लिए प्रस्ताव पारित किया है। इसे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा आगामी प्रोजेक्ट के रूप में सर्वोच्च प्राथमिकता क्रम में रखना चाहिए। अंबिकापुर रेणुकूट रेल लाइन का डीपीआर जमा हुए लगभग 1 वर्ष का समय व्यतीत होने वाला है किंतु इस रेल लाइन के संबंध में डबल लाइन,सिंगल लाइन,रिवाइज्ड डीपीआर से आगे बात अभी तक नहीं बढ़ पाई है। सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि प्रोजेक्ट इवैल्यूएशन कमेटी के 58 वी बैठक में एसईसीआर ने डीपीआर पर चर्चा कर जो निष्कर्ष निकाला,उन तथ्यों आंकड़ों के अनुरूप अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन को जल्द स्वीकृति देकर इसके क्रियान्वयन के लिए आगामी बजट में शामिल करने का प्रस्ताव भेजना चाहिए। अंबिकापुर-बरवाडीह से अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन हर मानको और मापदंडों में अधिक व्यवहारिक बैठक में जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि अंबिकापुर रेणुकूट की दूरी बरवाडीह से 47.68 किलोमीटर कम है। अनुमानित लागत 813 करोड़ से रेणुकूट का कम है। फाइनेंशियल इंटरनल रेट ऑफ़ रिटर्न 6.03 प्रतिशत ज्यादा और इकोनॉमिकल रेट ऑफ़ रिटर्न 15.69 प्रतिशत ज्यादा है प्रस्तावित रेणुकूट रेल लाइन का।अनुमानित ट्रैफिक बरवाडीह का 5.75 एनटीपीए है,जबकि रेणुकूट का इससे लगभग 4 गुना ज्यादा 19.50 एनटीपीए है।कुल मिलाकर रेणुकूट रेल लाइन हर मानको और मापदंडों पर अधिक व्यावहारिक और अधिक उपयोगी और कम खर्चीला है। सर्वाधिक कोल ब्लॉक रेणुकूट मार्ग में ही स्थित है,इसके अलावा बॉक्साइट ट्रांसपोर्टिंग के लिए भी उक्त मार्ग अनुकूल है।लगभग 12 हजार से अधिक यात्री इस मार्ग में रोजाना यात्रा करते हैं। उक्त सडक़ मार्ग पर 40 से 50 बस चलती है।400 से 500 ट्रक और ट्रेलर,200 पिकअप,इसके अलावा टैक्सी व निजी यात्रीयान 400 से ज्यादा प्रतिदिन उक्त मार्ग पर संचालित है। एसईसीएल और कोल इंडिया ने बरवाडीह रेल मार्ग को अलाभकारी बताया, क्लीयरेंस मिलना भी है कठिन अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाइन को लेकर एसईसीएल साइडिंग महाप्रबंधक और कोल इंडिया के महाप्रबंधक ने पूर्व में ही रेलवे को पत्र लिखकर उक्त मार्ग को अपने उद्देश्यों के लिए अलाभकारी बताया है। वहीं छत्तीसगढ़ रेल कॉरपोरेशन ने भी एसईसीएल द्वारा पर्याप्त रुचि नहीं दिखाए जाने एवं निवेश में असमर्थता जताने को लेकर छत्तीसगढ़ शासन को वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया है।प्रस्तावित बरवाडीह लाइन में भंडारिया टाइगर प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले कई गांव शामिल है, प्रस्तावित स्टेशन बिंदा रिजर्व फॉरेस्ट अंतर्गत आता है। इसके अलावा हुतार और बरवाडीह के मध्य बेतला नेशनल पार्क का भाग आता है जिसके कारण फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलना काफी कठिन है। नए प्रस्तावित मार्ग से अंबिकापुर-कोरबा रेल लाइन की दूरी हो जाएगी 110 किमी बैठक में जेडआरयूसीसी सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि अंबिकापुर-कोरबा रेल लाइन के लिए जो पुराना सर्वे हुआ है वह विसंगति पूर्ण है,सर्वे करने वाले को भौगोलिक ज्ञान नहीं है।जनभावना एवं सरगुजा क्षेत्र के हित में प्रस्तावित मार्ग अंबिकापुर,लखनपुर,केदमा, मतरिंगा, सियांग, चिर्रा,बताती होते कोरबा उपयुक्त मार्ग है,और इसकी दूरी भी काफी कम 110 किमी हो जाएगी। पहले जो सर्व हुए हैं उसके अनुसार 220 किलोमीटर उक्त रेल लाइन के लिए दूरी हो रहा था जिससे अधिक खर्च और अलाभकारी मार्ग भी था।इस नए प्रस्तावित रेल मार्ग से अंबिकापुर के लोग अंबिकापुर कोरबा रेल लाइन से 5 घंटे में रायपुर पहुंच जाएंगे और खर्च भी काफी कम हो जाएगा। उक्त मुद्दों पर महाप्रबंधक के समक्ष अपनी बात रखते हुए मुकेश तिवारी ने कहा कि यदि अंबिकापुर-रेणुकूट और कोरबा से कनेक्टिविटी हो जाती है तो यह सरगुजा सहित आसपास सीमावर्ती झारखंड,बिहार,मध्य प्रदेश के लोगों को परिवहन सुविधा के साथ-साथ सरगुजा के विकास में उत्तरोत्तर वृद्धि का पर्याय बनेगा।