किसानों का 37 करोड़, कर्मचारियों का 1 करोड़ रुपए अटका:बैतूल में धान खरीदी के बाद NCCF और DMO ने नहीं किया भुगतान, कलेक्टर से शिकायत

बैतूल जिले में सहकारी समिति कर्मचारियों ने वेतन विसंगति और धान खरीदी के भुगतान में देरी को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। कर्मचारियों ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) पर 37 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित रखने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, किसानों को भुगतान न होने से वे कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। जिले की 65 उपार्जन समितियों ने 109 करोड़ रुपए की धान खरीदी की थी। इसमें से एनसीसीएफ ने अभी तक 37 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है। संस्थाओं को मिलने वाले कमीशन का 85 लाख रुपए का भुगतान भी लंबित है। हैंडलिंग चार्ज मिलाकर यह राशि करीब 1 करोड़ रुपए होती है। नियम के अनुसार यह कमीशन खरीदी के दौरान ही मिलना चाहिए था, लेकिन खरीदी बंद हुए एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। एनसीसीएफ ने 24 लाख रुपए का परिवहन भुगतान भी नहीं किया है। साल 2022-23 और 2023-24 में डीएमओ द्वारा किए गए उपार्जन का कमीशन भी अभी तक नहीं मिला है। डीएमओ ने 1 करोड़ कमीशन, हैंडलिंग और ऑपरेटर्स का भुगतान भी नहीं किया है। इससे संस्थाओं की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। किसान लगातार अपने बकाया भुगतान के लिए सहकारी समितियों के कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। इस समस्या को लेकर कोऑपरेटिव कर्मचारी संघ बैतूल और मध्यप्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने कलेक्टर, सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक, खाद्य विभाग के अधिकारियों और उप पंजीयक को ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए ज्ञापन सौंपने के बाद कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत उपार्जन एजेंसी के अधिकारियों को बुलाया और समस्याओं के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को जल्द से जल्द उनकी राशि उपलब्ध कराई जाएगी और कर्मचारियों की वेतन विसंगति व उपार्जन, कमीशन से जुड़ी समस्याओं को भी प्राथमिकता से हल किया जाएगा। इस दौरान ज्ञापन सौंपने वालों में कोऑपरेटिव कर्मचारी संघ बैतूल के अशोक देशमुख, मध्यप्रदेश सहकारी कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष अरुण अडलक, जिला उपाध्यक्ष धर्मराज धोटे, गणेश लहरपुरे, अरुण चौधरी, समीर पाठक और बलवीर मालवी प्रमुख रूप से शामिल रहे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि किसानों की राशि तत्काल उनके खातों में डाली जाए, उपार्जन से जुड़े कर्मचारियों को समय पर भुगतान मिले और वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।

किसानों का 37 करोड़, कर्मचारियों का 1 करोड़ रुपए अटका:बैतूल में धान खरीदी के बाद NCCF और DMO ने नहीं किया भुगतान, कलेक्टर से शिकायत
बैतूल जिले में सहकारी समिति कर्मचारियों ने वेतन विसंगति और धान खरीदी के भुगतान में देरी को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। कर्मचारियों ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) पर 37 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित रखने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, किसानों को भुगतान न होने से वे कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। जिले की 65 उपार्जन समितियों ने 109 करोड़ रुपए की धान खरीदी की थी। इसमें से एनसीसीएफ ने अभी तक 37 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है। संस्थाओं को मिलने वाले कमीशन का 85 लाख रुपए का भुगतान भी लंबित है। हैंडलिंग चार्ज मिलाकर यह राशि करीब 1 करोड़ रुपए होती है। नियम के अनुसार यह कमीशन खरीदी के दौरान ही मिलना चाहिए था, लेकिन खरीदी बंद हुए एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। एनसीसीएफ ने 24 लाख रुपए का परिवहन भुगतान भी नहीं किया है। साल 2022-23 और 2023-24 में डीएमओ द्वारा किए गए उपार्जन का कमीशन भी अभी तक नहीं मिला है। डीएमओ ने 1 करोड़ कमीशन, हैंडलिंग और ऑपरेटर्स का भुगतान भी नहीं किया है। इससे संस्थाओं की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। किसान लगातार अपने बकाया भुगतान के लिए सहकारी समितियों के कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। इस समस्या को लेकर कोऑपरेटिव कर्मचारी संघ बैतूल और मध्यप्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने कलेक्टर, सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक, खाद्य विभाग के अधिकारियों और उप पंजीयक को ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए ज्ञापन सौंपने के बाद कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत उपार्जन एजेंसी के अधिकारियों को बुलाया और समस्याओं के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को जल्द से जल्द उनकी राशि उपलब्ध कराई जाएगी और कर्मचारियों की वेतन विसंगति व उपार्जन, कमीशन से जुड़ी समस्याओं को भी प्राथमिकता से हल किया जाएगा। इस दौरान ज्ञापन सौंपने वालों में कोऑपरेटिव कर्मचारी संघ बैतूल के अशोक देशमुख, मध्यप्रदेश सहकारी कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष अरुण अडलक, जिला उपाध्यक्ष धर्मराज धोटे, गणेश लहरपुरे, अरुण चौधरी, समीर पाठक और बलवीर मालवी प्रमुख रूप से शामिल रहे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि किसानों की राशि तत्काल उनके खातों में डाली जाए, उपार्जन से जुड़े कर्मचारियों को समय पर भुगतान मिले और वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।