2000 करोड़ के टर्न ओवर में 1600 करोड़ का बिजनेस वियतनाम और अफ्रीकी देशों में

सत्यम बालाजी ग्रुप के ठिकानों से लौटी आयकर टीमें छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 2 फरवरी। आयकर अन्वेषण विंग की टीमें राइस मिलिंग, आटोमोबाइल ग्रुप सत्यम बालाजी के सभी 25 ठिकानों पर छापेमारी पूरी कर शनिवार रात लौट आईं। आला अफसरों ने कहा कि अब तक की पड़ताल में 800 करोड़ के कर रहित अनियमित कच्चे लेनदेन के कागजात जब्त किए गए है। एक आला अफसर के मुताबिक यह छापा, इनपुट से भी अधिक सफल रहा। इस दौरान बीते 6 वर्ष के आईटीआर के हवाले से कारोबारी रिकॉर्ड, स्टाक की जांच की गई थी। यह कर चोरी इन दोनों फर्मों के साथ साथ, इनसे जुड़े ब्रोकर,मिलरों के यहां मिले नान टेक्सेबल कैश ट्रांजेक्शन पेपर्स को मिलाकर है। दोनों समूहों से अब तक 10 करोड़ नगद और 3.50करोड़ की ज्वेलरी सीज कर ली गई है। कल ही 1.50 के जेवर सीज किए गए । इस तरह से इसे मध्य भारत की सबसे बड़ी कर चोरी का मामला बताया गया है। छापे मार दल में शामिल सूत्रों ने बताया कि यह समूह गैर-बासमती चावल का प्रमुख निर्यातक है। मुख्य फर्म सत्यम बालाजी समूह का पक्के में टर्न ओवर दो हजार करोड़ का है और इसमें से 1600 करोड़ का कारोबार कच्चे में होता रहा है। यह ग्रुप छत्तीसगढ़ में धान खरीदी कच्चे में करता और मिलिंग के बाद पक्के में चावल एक्सपोर्ट करता । इसका सारा माल अफ्रीकी देशों के साथ साथ वियतनाम निर्यात होता है। जो करीब 16 सौ करोड़ का बताया गया है । वहीं इसकी सहयोगी कम्पनी साईं हनुमंत इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड का कारोबार एक हजार करोड़ का है। दोनों ग्रुप ने कर चोरी के लिए छद्म कंपनियां बनाकर और काल्पनिक लेनदेन का एक जटिल नेटवर्क बना रखा था। इनके जरिए सारा लेनदेन कच्चे में नगद किया करते रहे। इसका खुलासा आयकर अन्वेषण के वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने किया। इस विंग की पुख्ता सूचना के बाद अन्वेषण विंग के दो सौ अफसरों की टीम ने बुधवार को रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव और नवापारा राजिम सहित, गोंदिया) और आंध्र प्रदेश काकीनाडा में 25 से अधिक आफिस ,घरों को घेरा था। जांचकर्ताओं को दोनों समूहों से जुड़े 15 बैंक लॉकर मिले।, जिनमें से अब तक केवल एक ही खोला जा सका है। शेष सील किए गए 14 लॉकर आने वाले दिनों में खोले जाएंगे। वहीं सभी ठिकानों और संचालकों से लैपटॉप, स्मार्टफोन, आईफोन, पोर्टेबल हार्ड ड्राइव और अन्य डिजिटल स्टोरेज डिवाइस जब्त किए गए। यह पूरी कार्रवाई अतिरिक्त निदेशक तरुण कनौजिया की निगरानी में उपनिदेशक (डीडीआईटी) नवल जैन की टीम ने की। इन ठिकानों में हुई थी छापेमारी सत्यम बालाजी राइस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम बालाजी ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम बालाजी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम बालाजी एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, बलदेवजी एंटरप्राइजेज एलएलपी। डायरेक्टर- ओशिन अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल, प्रदीप कुमार अग्रवाल, हिमांशु रंजन अग्रवाल, अभिषेक रंजन अग्रवाल और काजली अग्रवाल। साईं हनुमंत इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप कुमार धामेजानी, सुनील धामेजानी कशिश धामेजानी । केएनएल एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड और मेडीब्लूम हेल्थ सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड।

2000 करोड़ के टर्न ओवर में 1600 करोड़ का  बिजनेस वियतनाम और अफ्रीकी देशों में
सत्यम बालाजी ग्रुप के ठिकानों से लौटी आयकर टीमें छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 2 फरवरी। आयकर अन्वेषण विंग की टीमें राइस मिलिंग, आटोमोबाइल ग्रुप सत्यम बालाजी के सभी 25 ठिकानों पर छापेमारी पूरी कर शनिवार रात लौट आईं। आला अफसरों ने कहा कि अब तक की पड़ताल में 800 करोड़ के कर रहित अनियमित कच्चे लेनदेन के कागजात जब्त किए गए है। एक आला अफसर के मुताबिक यह छापा, इनपुट से भी अधिक सफल रहा। इस दौरान बीते 6 वर्ष के आईटीआर के हवाले से कारोबारी रिकॉर्ड, स्टाक की जांच की गई थी। यह कर चोरी इन दोनों फर्मों के साथ साथ, इनसे जुड़े ब्रोकर,मिलरों के यहां मिले नान टेक्सेबल कैश ट्रांजेक्शन पेपर्स को मिलाकर है। दोनों समूहों से अब तक 10 करोड़ नगद और 3.50करोड़ की ज्वेलरी सीज कर ली गई है। कल ही 1.50 के जेवर सीज किए गए । इस तरह से इसे मध्य भारत की सबसे बड़ी कर चोरी का मामला बताया गया है। छापे मार दल में शामिल सूत्रों ने बताया कि यह समूह गैर-बासमती चावल का प्रमुख निर्यातक है। मुख्य फर्म सत्यम बालाजी समूह का पक्के में टर्न ओवर दो हजार करोड़ का है और इसमें से 1600 करोड़ का कारोबार कच्चे में होता रहा है। यह ग्रुप छत्तीसगढ़ में धान खरीदी कच्चे में करता और मिलिंग के बाद पक्के में चावल एक्सपोर्ट करता । इसका सारा माल अफ्रीकी देशों के साथ साथ वियतनाम निर्यात होता है। जो करीब 16 सौ करोड़ का बताया गया है । वहीं इसकी सहयोगी कम्पनी साईं हनुमंत इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड का कारोबार एक हजार करोड़ का है। दोनों ग्रुप ने कर चोरी के लिए छद्म कंपनियां बनाकर और काल्पनिक लेनदेन का एक जटिल नेटवर्क बना रखा था। इनके जरिए सारा लेनदेन कच्चे में नगद किया करते रहे। इसका खुलासा आयकर अन्वेषण के वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने किया। इस विंग की पुख्ता सूचना के बाद अन्वेषण विंग के दो सौ अफसरों की टीम ने बुधवार को रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव और नवापारा राजिम सहित, गोंदिया) और आंध्र प्रदेश काकीनाडा में 25 से अधिक आफिस ,घरों को घेरा था। जांचकर्ताओं को दोनों समूहों से जुड़े 15 बैंक लॉकर मिले।, जिनमें से अब तक केवल एक ही खोला जा सका है। शेष सील किए गए 14 लॉकर आने वाले दिनों में खोले जाएंगे। वहीं सभी ठिकानों और संचालकों से लैपटॉप, स्मार्टफोन, आईफोन, पोर्टेबल हार्ड ड्राइव और अन्य डिजिटल स्टोरेज डिवाइस जब्त किए गए। यह पूरी कार्रवाई अतिरिक्त निदेशक तरुण कनौजिया की निगरानी में उपनिदेशक (डीडीआईटी) नवल जैन की टीम ने की। इन ठिकानों में हुई थी छापेमारी सत्यम बालाजी राइस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम बालाजी ऑटोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम बालाजी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम बालाजी एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, बलदेवजी एंटरप्राइजेज एलएलपी। डायरेक्टर- ओशिन अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल, प्रदीप कुमार अग्रवाल, हिमांशु रंजन अग्रवाल, अभिषेक रंजन अग्रवाल और काजली अग्रवाल। साईं हनुमंत इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप कुमार धामेजानी, सुनील धामेजानी कशिश धामेजानी । केएनएल एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड और मेडीब्लूम हेल्थ सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड।