उज्जैन में किया ड्रोन उड़ान प्रदर्शन:कृषि क्षेत्र में ला रहा क्रांति; विक्रम विश्वविद्यालय ने शुरू किए नए कौशल आधारित पाठ्यक्रम
उज्जैन में किया ड्रोन उड़ान प्रदर्शन:कृषि क्षेत्र में ला रहा क्रांति; विक्रम विश्वविद्यालय ने शुरू किए नए कौशल आधारित पाठ्यक्रम
उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय ने मानसरोवर ग्लोबल विश्वविद्यालय और ड्रोन लैब के साथ मिलकर रविवार को एक ड्रोन प्रदर्शन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के छात्र, शिक्षक और आम लोग शामिल हुए। इस दौरान उन्हें ड्रोन के काम करने का तरीका बताया गया और ड्रोन उड़ाकर दिखाया गया। विक्रम विश्वविद्यालय ने हाल ही में कई नए कौशल आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें ड्रोन पायलट का प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी शामिल है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को कृषि कार्यों में ड्रोन के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा कि यह प्रदर्शन दिखाता है कि ड्रोन कृषि कार्यों, जैसे कीटनाशक छिड़काव, में कितनी मददगार हो सकता है। उनका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और आम लोगों को ड्रोन की तकनीक के बारे में जागरूक करना है। मानसरोवर विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. गौरव तिवारी और ड्रोन लैब के संचालक निखिल मैथिया ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा गया और यह दोनों विश्वविद्यालयों के लिए गर्व का अवसर था। ड्रोन का उपयोग सुरक्षा और समय की बचत के लिए गुजरात से आए धर्मेश मंगे ने बताया कि ड्रोन कृषि कार्य में बहुत उपयोगी है। इसका मुख्य उपयोग कीटनाशक और अन्य दवाओं के स्प्रे में किया जाता है। ड्रोन एक बार में 10 किलो दवा ले सकता है और यह करीब 25 मिनट में दो एकड़ खेत में स्प्रे कर सकता है। ड्रोन का उपयोग कृषि कार्यों में सुरक्षा बढ़ाने और समय की बचत के लिए किया जा सकता है। भारत सरकार द्वारा ड्रोन खरीदने पर सब्सिडी भी दी जाती है। प्रदर्शन के दौरान ये लोग थे मौजूद ड्रोन उड़ान प्रदर्शन के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर के संयोजक प्रो. उमेश कुमार सिंह, प्रो. डीएम कुमावत, डॉ. निश्चल यादव, डॉ. नलिन सिंह पंवार, प्रो. कमलेश दशोरा, प्रो. धर्मेंद्र मेहता, प्रो. ज्योति उपाध्याय, प्रो. अंजना पांडे, वित्त नियंत्रक जेएस तोमर, डॉ. राज बोरिया, डॉ. मुकेश वाणी, एनएसएस समन्वयक डॉ. विजय वर्मा के अलावा विद्यार्थी और आम लोग भी उपस्थित थे।
उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय ने मानसरोवर ग्लोबल विश्वविद्यालय और ड्रोन लैब के साथ मिलकर रविवार को एक ड्रोन प्रदर्शन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के छात्र, शिक्षक और आम लोग शामिल हुए। इस दौरान उन्हें ड्रोन के काम करने का तरीका बताया गया और ड्रोन उड़ाकर दिखाया गया। विक्रम विश्वविद्यालय ने हाल ही में कई नए कौशल आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें ड्रोन पायलट का प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी शामिल है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को कृषि कार्यों में ड्रोन के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा कि यह प्रदर्शन दिखाता है कि ड्रोन कृषि कार्यों, जैसे कीटनाशक छिड़काव, में कितनी मददगार हो सकता है। उनका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और आम लोगों को ड्रोन की तकनीक के बारे में जागरूक करना है। मानसरोवर विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. गौरव तिवारी और ड्रोन लैब के संचालक निखिल मैथिया ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा गया और यह दोनों विश्वविद्यालयों के लिए गर्व का अवसर था। ड्रोन का उपयोग सुरक्षा और समय की बचत के लिए गुजरात से आए धर्मेश मंगे ने बताया कि ड्रोन कृषि कार्य में बहुत उपयोगी है। इसका मुख्य उपयोग कीटनाशक और अन्य दवाओं के स्प्रे में किया जाता है। ड्रोन एक बार में 10 किलो दवा ले सकता है और यह करीब 25 मिनट में दो एकड़ खेत में स्प्रे कर सकता है। ड्रोन का उपयोग कृषि कार्यों में सुरक्षा बढ़ाने और समय की बचत के लिए किया जा सकता है। भारत सरकार द्वारा ड्रोन खरीदने पर सब्सिडी भी दी जाती है। प्रदर्शन के दौरान ये लोग थे मौजूद ड्रोन उड़ान प्रदर्शन के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर के संयोजक प्रो. उमेश कुमार सिंह, प्रो. डीएम कुमावत, डॉ. निश्चल यादव, डॉ. नलिन सिंह पंवार, प्रो. कमलेश दशोरा, प्रो. धर्मेंद्र मेहता, प्रो. ज्योति उपाध्याय, प्रो. अंजना पांडे, वित्त नियंत्रक जेएस तोमर, डॉ. राज बोरिया, डॉ. मुकेश वाणी, एनएसएस समन्वयक डॉ. विजय वर्मा के अलावा विद्यार्थी और आम लोग भी उपस्थित थे।