मुंज तालाब में मिल रहा नालों का गंदा पानी:अमृत-2 योजना में सौन्दर्यीकरण का प्रस्ताव, नई कॉलोनियों से भी बढ़ा प्रदूषण
मुंज तालाब में मिल रहा नालों का गंदा पानी:अमृत-2 योजना में सौन्दर्यीकरण का प्रस्ताव, नई कॉलोनियों से भी बढ़ा प्रदूषण
धार का ऐतिहासिक मुंज तालाब प्रदूषण की चपेट में है। नौगांव क्षेत्र के गंदे नाले का पानी लंबे समय से तालाब में मिल रहा है। इसमें अब नई विकसित कॉलोनियों का अपशिष्ट जल भी जुड़ गया है। गर्मी के मौसम में तालाब का जलस्तर पहले से ही कम हो जाता है। प्रदूषित जल मिलने से तालाब की स्थिति गंदे नाले जैसी हो गई है। नगर पालिका ने अमृत-2 योजना के तहत तालाब के सौन्दर्यीकरण की योजना तैयार की है। हालांकि, सौन्दर्यीकरण के साथ-साथ प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाना भी जरूरी है। नगर पालिका को नालों और नई कॉलोनियों के अपशिष्ट जल को तालाब में मिलने से रोकने की दिशा में कार्य करना होगा। दरअसल नगर का मुंज तालाब भोजकालीन है। इस काल के तालाबों की विशेषताएं यह थीं कि यहां पर न केवल वर्षभर पानी भरा रहता था, बल्कि उन तालाबों में शुद्धता के साथ-साथ यहां का प्राकृतिक वातावरण भी विशेष होता था। समय के साथ-साथ इस तालाब के आसपास बस्तियां विकसित हो गईं और उसी का नतीजा रहा कि यहां पर प्रदूषण की शुरुआत हुई। नौगांव के नाले को लेकर कई बार इस बात पर ध्यान दिया गया कि गंदा पानी न मिले, लेकिन स्थिति यह है कि नौगांव के नाले का गंदा पानी इसमें सीधे-सीधे पहुंच रहा है। इसको रोकने के लिए जो प्रयास हुए थे, वह सफल नहीं हो पाए हैं। इसकी वजह यह है कि बड़े स्तर पर जो नाला बनाया था और हटवाड़ा क्षेत्र से पानी बाहर करने की कोशिश की गई थी, वह नाकाम साबित हुई है। इस वजह से दिक्कत आ रही है। इतना ही नहीं, तालाब के कैचमेंट क्षेत्र से लेकर उसके आसपास क्षेत्र में बसी हुई कालोनियों का पानी भी अब सीधे तालाब में आ रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग के सभापति सुमित्रा संजय मकवाना ने बताया कि पानी की आवक बनी रहे, इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करवाया है। नाले के गहरीकरण और पानी की आवक को लेकर रास्ते को खोले जाने की मांग भी की है, ताकि तालाब में पानी की आवक हो पाए और तालाब लबालब भर पाए। वहीं धार नपा अध्यक्ष नेहा-महेश बोडने का कहना है कि तालाब के सौन्दर्यीकरण के तहत हम नाले का गंदा पानी तालाब में जाने से रोकने के बारे में भी योजना पर काम करवाएंगे। इसके लिए इंजीनियर को निर्देश दिए है।
धार का ऐतिहासिक मुंज तालाब प्रदूषण की चपेट में है। नौगांव क्षेत्र के गंदे नाले का पानी लंबे समय से तालाब में मिल रहा है। इसमें अब नई विकसित कॉलोनियों का अपशिष्ट जल भी जुड़ गया है। गर्मी के मौसम में तालाब का जलस्तर पहले से ही कम हो जाता है। प्रदूषित जल मिलने से तालाब की स्थिति गंदे नाले जैसी हो गई है। नगर पालिका ने अमृत-2 योजना के तहत तालाब के सौन्दर्यीकरण की योजना तैयार की है। हालांकि, सौन्दर्यीकरण के साथ-साथ प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाना भी जरूरी है। नगर पालिका को नालों और नई कॉलोनियों के अपशिष्ट जल को तालाब में मिलने से रोकने की दिशा में कार्य करना होगा। दरअसल नगर का मुंज तालाब भोजकालीन है। इस काल के तालाबों की विशेषताएं यह थीं कि यहां पर न केवल वर्षभर पानी भरा रहता था, बल्कि उन तालाबों में शुद्धता के साथ-साथ यहां का प्राकृतिक वातावरण भी विशेष होता था। समय के साथ-साथ इस तालाब के आसपास बस्तियां विकसित हो गईं और उसी का नतीजा रहा कि यहां पर प्रदूषण की शुरुआत हुई। नौगांव के नाले को लेकर कई बार इस बात पर ध्यान दिया गया कि गंदा पानी न मिले, लेकिन स्थिति यह है कि नौगांव के नाले का गंदा पानी इसमें सीधे-सीधे पहुंच रहा है। इसको रोकने के लिए जो प्रयास हुए थे, वह सफल नहीं हो पाए हैं। इसकी वजह यह है कि बड़े स्तर पर जो नाला बनाया था और हटवाड़ा क्षेत्र से पानी बाहर करने की कोशिश की गई थी, वह नाकाम साबित हुई है। इस वजह से दिक्कत आ रही है। इतना ही नहीं, तालाब के कैचमेंट क्षेत्र से लेकर उसके आसपास क्षेत्र में बसी हुई कालोनियों का पानी भी अब सीधे तालाब में आ रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग के सभापति सुमित्रा संजय मकवाना ने बताया कि पानी की आवक बनी रहे, इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करवाया है। नाले के गहरीकरण और पानी की आवक को लेकर रास्ते को खोले जाने की मांग भी की है, ताकि तालाब में पानी की आवक हो पाए और तालाब लबालब भर पाए। वहीं धार नपा अध्यक्ष नेहा-महेश बोडने का कहना है कि तालाब के सौन्दर्यीकरण के तहत हम नाले का गंदा पानी तालाब में जाने से रोकने के बारे में भी योजना पर काम करवाएंगे। इसके लिए इंजीनियर को निर्देश दिए है।