नया सत्र शुरू, कॉलेजों में ढाई माह से प्राध्यापकों की पोस्टिंग नहीं
नया सत्र शुरू, कॉलेजों में ढाई माह से प्राध्यापकों की पोस्टिंग नहीं
कई रिटायर हुए, अवमानना याचिका भी दायर
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 13 अगस्त। उच्च शिक्षा विभाग के ढाई सौ से अधिक सहायक प्राध्यापक (एपी) ढाई महीने से प्राध्यापक पद पर अपनी पदोन्नति आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कई तो इस बीच रिटायर भी हो गए हैं। अब कुछ पदोन्नत प्राध्यापक हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर कर दी है।
उच्च शिक्षा विभाग ने एक दशक के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की थी। करीब 259 से अधिक सहायक प्राध्यापक को प्राध्यापक पदोन्नत कर दिए गए हैं। 29 मई को आदेश जारी कर दिए गए थे। विभाग ने दावा किया था कि नए सत्र से कालेजों में प्राचार्य और प्राध्यापकों की कमी रिक्तता पूरी कर ली जाएगी।
लेकिन उसके बाद से अब तक किसी भी पदोन्नत प्राध्यापक की पदस्थापना आदेश जारी नहीं किया जा सका है। करीब ढाई माह से विभाग चुप्पी साधे हुए है।
साथ ही पदस्थापना के लिए विभाग को आवेदन भी दे चुके हैं। आदेश के इंतजार में करीब एक दर्जन सहायक प्राध्यापक रिटायर हो चुके हैं। अब इन प्राध्यापकों ने अवमानना याचिका लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट कर ली गई है। पहली सुनवाई इसी माह होने के संकेत हैं।
यहां बता दें कि इन्हीं पदोन्नत प्राध्यापकों में से वरिष्ठ यूजी कालेज के प्राचार्य भी पदोन्नत किए जाने हैं। पहले चरण में करीब 100- 125 प्राचार्य बनाए जाने हैं। इस देरी की वजह से यह पदोन्नति भी अटक गई है। इन सहायक प्राध्यापकों का कहना है कि मुख्यमंत्री के प्रभार वाले विभाग में अफसरों की ढिलाई कई प्रश्न खड़े कर रही है। बताया यह भी जा रहा है कि विभाग के सचिव तक यह बात पहुंचने नहीं दी जा
रही है।
आयुक्त को आवेदन
आयुक्त उच्च शिक्षा को दिए आवेदन में सहायक प्राध्यापकों ने कहा है कि पदोन्नति आदेश में पदोन्नति किस तिथि से प्रभावशील होगी इसका उल्लेख नहीं किया गया है जबकि मश उच्च न्यायालय के संदर्भित निर्णय के पृष्ठ क्रमांक 26 की कण्डिका 23 में प्रभावशील तिथि 19.08.2016 किये जाने का स्पष्ट उल्लेख है। अत: निवेदन है कि पदोन्नति की प्रभावशील तिथि का उल्लेख पदोन्नति आदेश में किया जाए।पदोन्नति आदेश में वरिष्ठता का निर्धारण नहीं किया गया है जबकि माननीय उच्च न्यायालय के संदर्भित निर्णय के पृष्ठ क्रमांक 26 की कण्डिका 23 में स्पष्ट रुप से उल्लेखित किया गया है कि पुनरीक्षित विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा पदोन्नत किये गये प्राध्यापकों की वरिष्ठता का निर्धारण पूर्व में पदोन्नत किये गये 26 प्राध्यापकों के साथ 19.08.2016 से किया जाये, परंतु विभाग द्वारा संदर्भित निर्णय के पृष्ठ क्र. 26 की कण्ठिका 26 की अवमानना करते हुए इन 26 प्राध्यापकों को आदेश क्रमांक एफ1-3/2024/38-1 04 नवंबर 2024 के तहत स्नातक प्राचार्य पद पर पदोन्नत कर दिया गया है। अत: उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा पारित संदर्भित निर्णय के सम्मान में पूर्व में पदोन्नत 26 प्राध्यापकों के साथ शेष सभी की वरिष्ठता का निर्धारण करते हुए संयुक्त वरिष्ठता सूची जारी कर स्नातक प्राचार्य पद पर हुई पदोन्नति को पुनरीक्षित करते हुए प्राचार्य पद पर पदोन्नति दी जाए।
कई रिटायर हुए, अवमानना याचिका भी दायर
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 13 अगस्त। उच्च शिक्षा विभाग के ढाई सौ से अधिक सहायक प्राध्यापक (एपी) ढाई महीने से प्राध्यापक पद पर अपनी पदोन्नति आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कई तो इस बीच रिटायर भी हो गए हैं। अब कुछ पदोन्नत प्राध्यापक हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर कर दी है।
उच्च शिक्षा विभाग ने एक दशक के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की थी। करीब 259 से अधिक सहायक प्राध्यापक को प्राध्यापक पदोन्नत कर दिए गए हैं। 29 मई को आदेश जारी कर दिए गए थे। विभाग ने दावा किया था कि नए सत्र से कालेजों में प्राचार्य और प्राध्यापकों की कमी रिक्तता पूरी कर ली जाएगी।
लेकिन उसके बाद से अब तक किसी भी पदोन्नत प्राध्यापक की पदस्थापना आदेश जारी नहीं किया जा सका है। करीब ढाई माह से विभाग चुप्पी साधे हुए है।
साथ ही पदस्थापना के लिए विभाग को आवेदन भी दे चुके हैं। आदेश के इंतजार में करीब एक दर्जन सहायक प्राध्यापक रिटायर हो चुके हैं। अब इन प्राध्यापकों ने अवमानना याचिका लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट कर ली गई है। पहली सुनवाई इसी माह होने के संकेत हैं।
यहां बता दें कि इन्हीं पदोन्नत प्राध्यापकों में से वरिष्ठ यूजी कालेज के प्राचार्य भी पदोन्नत किए जाने हैं। पहले चरण में करीब 100- 125 प्राचार्य बनाए जाने हैं। इस देरी की वजह से यह पदोन्नति भी अटक गई है। इन सहायक प्राध्यापकों का कहना है कि मुख्यमंत्री के प्रभार वाले विभाग में अफसरों की ढिलाई कई प्रश्न खड़े कर रही है। बताया यह भी जा रहा है कि विभाग के सचिव तक यह बात पहुंचने नहीं दी जा
रही है।
आयुक्त को आवेदन
आयुक्त उच्च शिक्षा को दिए आवेदन में सहायक प्राध्यापकों ने कहा है कि पदोन्नति आदेश में पदोन्नति किस तिथि से प्रभावशील होगी इसका उल्लेख नहीं किया गया है जबकि मश उच्च न्यायालय के संदर्भित निर्णय के पृष्ठ क्रमांक 26 की कण्डिका 23 में प्रभावशील तिथि 19.08.2016 किये जाने का स्पष्ट उल्लेख है। अत: निवेदन है कि पदोन्नति की प्रभावशील तिथि का उल्लेख पदोन्नति आदेश में किया जाए।पदोन्नति आदेश में वरिष्ठता का निर्धारण नहीं किया गया है जबकि माननीय उच्च न्यायालय के संदर्भित निर्णय के पृष्ठ क्रमांक 26 की कण्डिका 23 में स्पष्ट रुप से उल्लेखित किया गया है कि पुनरीक्षित विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा पदोन्नत किये गये प्राध्यापकों की वरिष्ठता का निर्धारण पूर्व में पदोन्नत किये गये 26 प्राध्यापकों के साथ 19.08.2016 से किया जाये, परंतु विभाग द्वारा संदर्भित निर्णय के पृष्ठ क्र. 26 की कण्ठिका 26 की अवमानना करते हुए इन 26 प्राध्यापकों को आदेश क्रमांक एफ1-3/2024/38-1 04 नवंबर 2024 के तहत स्नातक प्राचार्य पद पर पदोन्नत कर दिया गया है। अत: उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा पारित संदर्भित निर्णय के सम्मान में पूर्व में पदोन्नत 26 प्राध्यापकों के साथ शेष सभी की वरिष्ठता का निर्धारण करते हुए संयुक्त वरिष्ठता सूची जारी कर स्नातक प्राचार्य पद पर हुई पदोन्नति को पुनरीक्षित करते हुए प्राचार्य पद पर पदोन्नति दी जाए।