सुमेला गांव में फिर कुचलने से 5 गाय की मौत:4 गाय की मौत के बाद जिपं CEO सचिव को नोटिस भेज कर चुके खानापूर्ति

शिवपुरी जिले के बदरवास जनपद क्षेत्र में लगातार गाय सड़क हादसों का शिकार हो रहीं हैं। आज फिर सुमेला गांव में गुना-शिवपुरी हाईवे पर बैठी 5 गाय को अज्ञात वाहन से कुचल दिया। जिससे सभी गायों की मौत हो गई। इससे पहले 27 अगस्त को इसी सुमेला गांव में हाईवे पर बैठी 4 गायों को कुचल दिया था। सचिव को नोटिस जारी कर की गई खानापूर्ति उल्लेखनीय हैं कि सीएम मोहन यादव ने सड़क दुर्घटना का शिकार होकर जान गवां रहे गोवंश को बचाने के लिए पंचायत स्तर पर हाईवे पर बैठी गायों को हाईवे से हटाकर गोशाला या शासकीय भूमि पर अस्थाई बाड़ा बना कर शिफ्ट कराने के निर्देश दिए थे। 27 अगस्त को सुमेला गांव के पास हाईवे पर बैठी 4 गायों की मौत के बाद इन्हीं निर्देशों की अवहेलना करने वाले सुमेला पंचायत के सचिव अशोक अरोरा को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के जरिये तीन दिन के भीतर जबाव तलब कर प्रशासनिक खानापूर्ति कर ली गई। यही वजह रही कि बदरवास जनपद सीईओ और पंचायत सचिव ने सीएम के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया। उनकी उदासीनता के चलते आज फिर सुमेला गांव में कुचलने से 5 गायों की मौत हो गई। क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक गोवंश गवां चुके हैं जान बदरवास जनपद क्षेत्र में लगातार गोवंश सड़क दुर्घटना का शिकार होता आ रहा हैं। अगस्त और सितंबर माह में दो दर्जन से अधिक गोवंश सड़क दुर्घटना का शिकार हो चुका हैं। बता दें कि 27 अगस्त को सुमेला में 4 गाय, 29 अगस्त को श्रीपुर गांव में 2 गाय, 31 अगस्त को अगस्त को बामौरक्रेशर गांव में 8 गाय, 7 सितम्बर को ईश्वरी गांव में 1 गाय और आज सुमेला गांव में एक बार फिर 5 गाय की मौत हो गई। पालतू पशुओं को खुले में छोड़ना पूर्णतः प्रतिबंधित कर चुके हैं कलेक्टर गौरतलब है कि जिले में लगातार मवेशी सड़क दुर्घटना का शिकार होकर काल के गाल में समा रहे थे। इन मवेशियों की मौत के जिम्मेदार उनके पालक भी हैं। जो अपने मवेशियों को सड़क पर खुल्ला छोड़ देते हैं। इस लगाम लगाने के लिए कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने 3 सितम्बर को एक आदेश जारी किया था। जिसमें साफ उल्लेख किया गया था कि जिन मवेशी पालकों द्वारा अपने मवेशियों को खुला छोड़ा जा रहा हैं। ऐसे दुर्घटना होती हैं तो उन पर भी दण्डात्मक कार्रलवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे पालतू पशुओं को अन्यत्र दूरस्थ स्थानों पर छोड़ने का खर्चा भी संबंधित से वसूल किया जाएगा। लेकिन कलेक्टर के आदेश का भी पालन अनुविभागीय स्तर तक नहीं हुआ।

सुमेला गांव में फिर कुचलने से 5 गाय की मौत:4 गाय की मौत के बाद जिपं CEO सचिव को नोटिस भेज कर चुके खानापूर्ति
शिवपुरी जिले के बदरवास जनपद क्षेत्र में लगातार गाय सड़क हादसों का शिकार हो रहीं हैं। आज फिर सुमेला गांव में गुना-शिवपुरी हाईवे पर बैठी 5 गाय को अज्ञात वाहन से कुचल दिया। जिससे सभी गायों की मौत हो गई। इससे पहले 27 अगस्त को इसी सुमेला गांव में हाईवे पर बैठी 4 गायों को कुचल दिया था। सचिव को नोटिस जारी कर की गई खानापूर्ति उल्लेखनीय हैं कि सीएम मोहन यादव ने सड़क दुर्घटना का शिकार होकर जान गवां रहे गोवंश को बचाने के लिए पंचायत स्तर पर हाईवे पर बैठी गायों को हाईवे से हटाकर गोशाला या शासकीय भूमि पर अस्थाई बाड़ा बना कर शिफ्ट कराने के निर्देश दिए थे। 27 अगस्त को सुमेला गांव के पास हाईवे पर बैठी 4 गायों की मौत के बाद इन्हीं निर्देशों की अवहेलना करने वाले सुमेला पंचायत के सचिव अशोक अरोरा को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के जरिये तीन दिन के भीतर जबाव तलब कर प्रशासनिक खानापूर्ति कर ली गई। यही वजह रही कि बदरवास जनपद सीईओ और पंचायत सचिव ने सीएम के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया। उनकी उदासीनता के चलते आज फिर सुमेला गांव में कुचलने से 5 गायों की मौत हो गई। क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक गोवंश गवां चुके हैं जान बदरवास जनपद क्षेत्र में लगातार गोवंश सड़क दुर्घटना का शिकार होता आ रहा हैं। अगस्त और सितंबर माह में दो दर्जन से अधिक गोवंश सड़क दुर्घटना का शिकार हो चुका हैं। बता दें कि 27 अगस्त को सुमेला में 4 गाय, 29 अगस्त को श्रीपुर गांव में 2 गाय, 31 अगस्त को अगस्त को बामौरक्रेशर गांव में 8 गाय, 7 सितम्बर को ईश्वरी गांव में 1 गाय और आज सुमेला गांव में एक बार फिर 5 गाय की मौत हो गई। पालतू पशुओं को खुले में छोड़ना पूर्णतः प्रतिबंधित कर चुके हैं कलेक्टर गौरतलब है कि जिले में लगातार मवेशी सड़क दुर्घटना का शिकार होकर काल के गाल में समा रहे थे। इन मवेशियों की मौत के जिम्मेदार उनके पालक भी हैं। जो अपने मवेशियों को सड़क पर खुल्ला छोड़ देते हैं। इस लगाम लगाने के लिए कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने 3 सितम्बर को एक आदेश जारी किया था। जिसमें साफ उल्लेख किया गया था कि जिन मवेशी पालकों द्वारा अपने मवेशियों को खुला छोड़ा जा रहा हैं। ऐसे दुर्घटना होती हैं तो उन पर भी दण्डात्मक कार्रलवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे पालतू पशुओं को अन्यत्र दूरस्थ स्थानों पर छोड़ने का खर्चा भी संबंधित से वसूल किया जाएगा। लेकिन कलेक्टर के आदेश का भी पालन अनुविभागीय स्तर तक नहीं हुआ।