सीहोर में प्रशासन ने कब्जे में लिए 12 निजी बोरवेल:31 जुलाई तक बिना अनुमति नलकूप खनन पर रोक; नियम तोड़ने पर मिलेगी सजा

जिला प्रशासन ने गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर बालागुरू के. के निर्देश पर आष्टा एसडीएम स्वाति मिश्रा ने 12 निजी बोरवेल कब्जे में लिए। इनमें आष्टा के मेहतवाड़ा गांव में 4 और कोठरी नगर परिषद में 8 बोरवेल शामिल हैं। ये सभी बोरवेल 30 जून तक प्रशासन के अधीन रहेंगे। बोरवेल के बिजली बिल का भुगतान ग्राम पंचायत और नगर पालिका करेगी। बिना एसडीएम की अनुमति नहीं चलेगी बोरिंग कलेक्टर ने जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने 31 जुलाई तक जिले के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिना अनुमति नलकूप खनन पर रोक लगा दी है। एसडीएम की अनुमति के बिना कोई भी बोरिंग मशीन क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेगी। सिर्फ घरेलू उपयोग की अनुमति इस दौरान जल का उपयोग सिर्फ घरेलू कार्यों के लिए किया जा सकेगा। पहले से अनुमति प्राप्त लोगों को छोड़कर किसी को भी सिंचाई, औद्योगिक या व्यवसायिक कार्यों के लिए पानी का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। नियम तोड़ने वालों को दो साल तक की जेल या दो हजार रुपए जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।

सीहोर में प्रशासन ने कब्जे में लिए 12 निजी बोरवेल:31 जुलाई तक बिना अनुमति नलकूप खनन पर रोक; नियम तोड़ने पर मिलेगी सजा
जिला प्रशासन ने गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर बालागुरू के. के निर्देश पर आष्टा एसडीएम स्वाति मिश्रा ने 12 निजी बोरवेल कब्जे में लिए। इनमें आष्टा के मेहतवाड़ा गांव में 4 और कोठरी नगर परिषद में 8 बोरवेल शामिल हैं। ये सभी बोरवेल 30 जून तक प्रशासन के अधीन रहेंगे। बोरवेल के बिजली बिल का भुगतान ग्राम पंचायत और नगर पालिका करेगी। बिना एसडीएम की अनुमति नहीं चलेगी बोरिंग कलेक्टर ने जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने 31 जुलाई तक जिले के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिना अनुमति नलकूप खनन पर रोक लगा दी है। एसडीएम की अनुमति के बिना कोई भी बोरिंग मशीन क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेगी। सिर्फ घरेलू उपयोग की अनुमति इस दौरान जल का उपयोग सिर्फ घरेलू कार्यों के लिए किया जा सकेगा। पहले से अनुमति प्राप्त लोगों को छोड़कर किसी को भी सिंचाई, औद्योगिक या व्यवसायिक कार्यों के लिए पानी का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। नियम तोड़ने वालों को दो साल तक की जेल या दो हजार रुपए जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।