पीटीएस भौंरी में कस्टम इंस्पेक्टरों के लिए ट्रेनिंग सत्र:नवीन राय बोले इंसान तर्कसंगत निर्णय नहीं लेते, उनके फैसलों में पूर्वाग्रह काम करता है
पीटीएस भौंरी में कस्टम इंस्पेक्टरों के लिए ट्रेनिंग सत्र:नवीन राय बोले इंसान तर्कसंगत निर्णय नहीं लेते, उनके फैसलों में पूर्वाग्रह काम करता है
पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) भौंरी भोपाल में सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (CBIC) के इंस्पेक्टरों के लिए आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत बुधवार को “नेगोशिएशन और कॉन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट” पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में लाइफ मैनेजमेंट पुस्तक के लेखक और मैनेजमेंट एक्सपर्ट नवीन कृष्ण राय ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य इंस्पेक्टरों को प्रबंधन के सिद्धांतों और व्यावहारिक मॉडलों से परिचित कराना था। राय ने प्रतिभागियों को नेगोशिएशन और कॉन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं पर गहरे से विचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस दौरान बताया कि इंसान हमेशा तर्कसंगत निर्णय नहीं लेते और अक्सर उनके फैसलों में पूर्वाग्रह काम करते हैं। "प्रास्पेक्ट सिद्धांत" पर विस्तार से चर्चा करते हुए राय ने बताया कि लोग फायदे और नुकसानों को अलग-अलग नजरिए से आंकते हैं। समान मूल्य के लाभ और हानि की स्थिति में, व्यक्ति को हानि का अहसास अधिक होता है, जबकि लाभ से मिलने वाली खुशी कम महसूस होती है। यह सिद्धांत समझना और उसे कार्य में लाना एक कुशल नेगोशिएटर बनने के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम की शुरुआत पुलिस अधीक्षक रश्मि पांडेय ने की, जिन्होंने नवीन कृष्ण राय का परिचय दिया। राय का यह सत्र प्रशिक्षुओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ और उन्होंने इसे अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।
पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) भौंरी भोपाल में सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (CBIC) के इंस्पेक्टरों के लिए आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत बुधवार को “नेगोशिएशन और कॉन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट” पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में लाइफ मैनेजमेंट पुस्तक के लेखक और मैनेजमेंट एक्सपर्ट नवीन कृष्ण राय ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य इंस्पेक्टरों को प्रबंधन के सिद्धांतों और व्यावहारिक मॉडलों से परिचित कराना था। राय ने प्रतिभागियों को नेगोशिएशन और कॉन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं पर गहरे से विचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस दौरान बताया कि इंसान हमेशा तर्कसंगत निर्णय नहीं लेते और अक्सर उनके फैसलों में पूर्वाग्रह काम करते हैं। "प्रास्पेक्ट सिद्धांत" पर विस्तार से चर्चा करते हुए राय ने बताया कि लोग फायदे और नुकसानों को अलग-अलग नजरिए से आंकते हैं। समान मूल्य के लाभ और हानि की स्थिति में, व्यक्ति को हानि का अहसास अधिक होता है, जबकि लाभ से मिलने वाली खुशी कम महसूस होती है। यह सिद्धांत समझना और उसे कार्य में लाना एक कुशल नेगोशिएटर बनने के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम की शुरुआत पुलिस अधीक्षक रश्मि पांडेय ने की, जिन्होंने नवीन कृष्ण राय का परिचय दिया। राय का यह सत्र प्रशिक्षुओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ और उन्होंने इसे अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।